लाहौर: पाकिस्तान एक बार फिर जल रहा है। आर्थिक संकट के बीच मंगलवार को यहां पर एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो गया। पुलिस जैसे ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने पहुंची, माहौल गर्मा गया। इमरान के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर हिंसा हुई। इमरान अपने घर के अंदर मौजूद हैं और बाहर पुलिस उनके समर्थकों से उलझी हुई है। समर्थकों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस से लेकर लाठीचार्ज तक का प्रयोग किया। आखिर पाकिस्तान में यह सब क्यों हो रहा है और क्या वाकई देश की सरकार पूर्व पीएम की हत्या कराना चाहती है। जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट।
पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के चलते इमरान को अपनी सत्ता गंवानी पड़ गई थी। इसके बाद जब वह इस साल चुनावों के लिए अपनी किस्मत आजमान चाहते थे तो उनके खिलाफ एक नहीं बल्कि 37 केसेज दायर कर दिए गए।इन केसेज की वजह से उनका फिर से चुनाव लड़ने का सपना चूर-चूर हो गया। वहीं, इमरान ने देश की शहबाज सरकार पर यह आरोप लगाया है कि वह उनकी हत्या करने की साजिश रच रही है। इमरान खान को कोर्ट की तरफ से पहली बार तब समन भेजा गया जब उन्होंने बतौर पीएम उन्हें मिले गिफ्ट्स की जानकारी देने से इनकार कर दिया। अगस्त 2022 में तोशाखान का मामला सामने आने के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) ने इमरान के खिलाफ केस दायर किया।
मंगलवार को जब इमरान ने अपने समर्थकों को संबोधित किया तो उन्होंने कहा, ‘मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि वो दोबारा आ रहे हैं और वो मेरे लोगों पर आंसू गैस का प्रयोग करेंगे। लेकिन आपको यह जान लेना जरूरी है कि वो ये सब क्यों कर रहे हैं, इसका उनके पास कोई जवाब नहीं हैं।’ हाल के कुछ हफ्तों में यह दूसरा मौका है जब पुलिस इमरान को गिरफ्तार करने इस्लामाबाद से लाहौर पहुंची है। भ्रष्टाचार के एक केस के सिलसिले में इमरान को कोर्ट में हाजिर होना था मगर वह हर बार तारीख पर अदालत में हाजिर होने से बचते।
इमरान ने कई बार यह दावा किया उनके खिलाफ कई ऐसे केसेज दायर किए गए हैं जिनका कोई मतलब ही नहीं हैं। इमरान पर आतंकवाद से लेकर देशद्रोह तक का केस दर्ज है। इमरान की मानें तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ उनकी पार्टी को और उन्हें खत्म करना चाहते हैं ताकि वह अपने भाई और पूर्व पीएम नवाज को देश वापस ला सकें। कई बार उन्होंने यह दावा भी किया है कि कोर्ट में पेश होते समय सरकार उनकी हत्या करानी चाहती है। इमरान ने अपनी बात को साबित करने के लिए देश के एक एंटी-टेररिज्म कोर्ट के जज का सबूत दिया। इस जज, उनकी पत्नी और दो बच्चों को खैबर पख्तूनख्वां प्रांत के स्वाबी जिले के करीब मार दिया गया था। जज अपने परिवार के साथ कहीं से वापस आ रहे थे जब उन पर यह जानलेवा हमला हुआ था।
इमरान ने ‘डर्टी हैरी’ कोड नेम के साथ एक सीनियर आईएसआई ऑफिसर का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि डर्टी हैरी उनके पार्टी के नेताओं और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स को टॉर्चर कर रहे हैं। इमरान ने कहा, ‘डर्टी हैरी एक साइको है और काफी बुरा इंसान है। ऐसे लोगों से उनकी जान को खतरा है।’ रिपोर्ट्स की मानें तो जिस डर्टी हैरी का जिक्र इमरान कर रहे थे, वह आईएसआई के डायरेक्टर जनरल नदीम अंजुम हैं। इमरान ने इस शब्द को प्रयोग उनके लिए सन् 1970 में आई एक क्लासिक क्रिमिनल फिल्म ‘डर्टी हैरी कैलहैन’ से प्रेरित होकर किया था। फिल्म में एक पुलिस ऑफिसर अपनी जिम्मेदारियों को समझने के बाद भी बदला लेने की ठान लेता है।
राजनीतिक हिंसा में गई भुट्टो की जान
पाकिस्तान में राजनीतिक हिंसा कोई नई बात नहीं है। पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो को दिसंबर 2007 में हुई हत्या इस हिंसा का ही नतीजा थी। रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के दौरान भुट्टो पर आत्मघाती हमला हुआ था। देश के चुनाव आयोग ने इमरान को पांच साल तक के लिए सत्ता में आने से बैन कर दिया है। इमरान ने इसके खिलाफ एक याचिका भी दायर की हुई है। मई 2022 में उन्होंने दावा किया था कि उनकी जिंदगी खतरे में है। एक वीडियो जारी कर इमरान ने उन लोगों के नाम लिए थे, जो उनके खिलाफ साजिश रचने में लगे हैं।