वसंत कुंज में कुत्तों का आतंक
वसंत कुंज में कुत्तों का ऐसा आतंक है कि लोग हाथ में डंडा लेकर चलते हैं। इस इलाके में रोजाना सरकारी अस्पताल में 300 से ज्यादा कुत्ते काटने के मामले आ रहे हैं। इस इलाके में प्रशासन पर आरोप लग रहे हैं कि वो आवारा जानवरों को नियंत्रित करने के कोई उपाय नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि वसंत कुंज में दो भाइयों आनंद (7) और आदित्य (5) की कुत्तों ने नोंचकर मार डाला था।
आवारा कुत्तों से सब खौफ में
स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों बच्चों पर आवारा कुत्तों ने हमला किया था। उन्होंने बताया कि हो सकता है कि जंगल में कुत्तों ने बच्चों पर हमला किया हो क्योंकि जंगल में बकरियों और सुअर पर भी ये जानवर हमला करते रहे हैं। इस बीच, गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के विरोध पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक अभियान के अध्यक्ष विजय गोयल ने 15 मार्च को जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि आवारा कुत्तों के डर से लोग पार्कों में नहीं जा सकते। गली से बाहर निकलते ही कुत्ते भौंकने लगते हैं। विदेशी टूरिस्ट दिल्ली की सड़कों पर कुत्तों के डर से खौफ में हैं। चांदनी चौक की एक-एक गली में 20-20 कुत्ते हैं। गोयल का कहना है कि 28 फरवरी को ही उन्होंने उपराज्यपाल को कुत्तों के आतंक के बारे में पत्र भी लिखा था।
आखिर क्यों हमला करते हैं कुत्ते?
कुत्तों के हमला करने की कई वजहें होती हैं। जब इस जानवर को लगता है कि उसे कोई शख्स नुकसान पहुंचा सकता है तो वह उसपर हमला कर सकता है। रही बात बच्चों की तो बच्चे वैसे ही कुत्तों को देखकर डर जाते हैं। जैसे ही बच्चे डरकर भागने लगते हैं या डरकर रुकते हैं तो कुत्ते उनपर हमला कर देते हैं। आम तौर पर जानवरों में ये आम देखा गया है कि वो बच्चों और बुजुर्गों पर हमला कर देते हैं। इसके अलावा कई बार कुत्तों को लगता है कि सामने से आ रहा शख्स चाहे वो बच्चा हो या बुजुर्ग उसके इलाके में दखल दे रहा है। जी हां, अगर आपने शेर का इलाका सुना है तो आपको बता दें कि कुत्तों का भी एक इलाका होता है। कुत्तों के इलाकों में कोई दूसरा जानवर या आदमी आता है तो कुत्तों को अटपटा लगता है और वो हमला कर देते हैं। इसके अलावा अगर बच्चे कुत्तों के छोटे बच्चों को पकड़ने की कोशिश करते हैं तो उसकी मां बच्चों पर हमला कर सकती है। क्योंकि उसे उन बच्चों से अपने बच्चों के नुकसान का डर लग रहा होता है।
ये संकेत मिले तो कुत्तों से रहें दूर
हालांकि, कुत्ते कब हमला करेंगे इसका कोई सटीक संकेत तो नहीं होता है। लेकिन कुछ ऐसे संकेत होते हैं जिससे साफ पता चल सकता है कि कुत्ते हमलावर हो सकते हैं। जैसे जब आवारा कुत्ते दूर से आपको देखकर भौंकने लगे। या फिर वो परेशान सा घूम रहा हो। ऐसे में अगर आप उनके पास से गुजरेंगे तो वो आपपर हमला कर सकता है। जब आप किसी कुत्ते के इलाके में घुसते हैं तो उसे यह नागवार गुजरता है। ऐसे में वो हमलावर हो जाते हैं।
आखिर कैसे बचें इस मुसीबत से?
कुत्तों या आवारा जानवरों पर एक्शन होने पर जानवर प्रेमी लोग विरोध के लिए उतर आते हैं। इसके पीछे उनके कई तर्क होते हैं। पर बड़ा सवाल तो ये है कि क्या मासूमों की जान की कीमत पर कुत्तों या आवारा जानवरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए? कई बार नगर निगम का दस्ता इन कुत्तों को पकड़ने के लिए आते हैं तो उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में एक उपाय ये हो सकता है कि इन कुत्तों को रेबिज के इंजेक्शन दिए जाएं। ताकि अगर ये किसी बच्चे या बड़ों को काटे तो किसी को कोई नुकसान नहीं हो।
प्यार तो ठीक है, लेकिन बात को समझिए भी
अब जानवर प्रेमियों से ये भी अपील है कि वो जानवरों से प्यार तो करें लेकिन आम लोगों को उससे होने वाले खतरों को भी समझें। ऐसा नहीं है कि लोगों को जानवरों से प्यार नहीं होता है लेकिन जब जानवर हिंसक हो जाए या फिर दूसरो को नुकसान पहुंचाने लगे तो उसके लिए कुछ कार्रवाई तो करनी ही होती है। जानवरों से प्यार को समझा जा सकता है लेकिन आम लोगों को होने वाली तकलीफ को भी समझने की जरूरत है। किसी घर का जब कोई चिराग बुझता है तो उसका दर्द उस घर के लोग ही समझ सकते हैं।