मौजूदा स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित कर उन्हें पीएम राइज स्कूल बनाने की परिकल्पना के साथ बैतूल के 22 स्कूलों का चयन इस योजना के लिए किया गया है। जहां योजना के तहत सारी हाईटेक सुविधाएं जुटाई जाएंगी।
इन स्कूलों में सीएम राFज स्कूल से भी हाईटेक पढ़ाई की व्यवस्था होगी। इससे बच्चों को भी अब स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं मिलना प्रारंभ हो जाएगी।
बैतूल जिले के 22 स्कूल हुए चयनित
आमला ब्लक में एमएस ठानी, हाईस्कूल बड़गांव,आठनेर ब्लाक में हाईस्कूल बाकुड़, एनएमएस सातकुंड, बैतूल ब्लॉक में हाईस्कूल खेड़ीसांवलीगढ़, एमएस कोलगांव, हाईस्कूल हमलापुर, हायर सेकेंडरी स्कूल एमएलबी, भैंसदेही ब्लाक में हाईस्कूल बोरगांव मच्छी, हायर सेकेंडरी स्कूल सांवलमेंढ़ा, हायर सेकेंडरी स्कूल कन्या भैंसदेही, चिचोली ब्लॉक में एमएस आलमगढ़, घोड़ाडोंगरी ब्लाक में हायर सेकेंडरी स्कूल पाढर, एमएस शांतिपुर – 21 मुलताई ब्लाक में हायर सेकेंडरी स्कूल दुनावा, एमएस डहुआ, हायर सेकेंडरी स्कूल कन्या, शाहपुर ब्लाक में एमएस बालक शाहपुर, प्रभात पट्टन में एमएस चाकोरा, हायर सेकेंडरी स्कूल कन्या पाथाखेड़ा, हाईस्कूल भयावाड़ी शाहपुर, एमएस कन्या भौंरा को शामिल किया गया है।
ऐसे होंगे पीएमश्री स्कूल
पीएम श्री स्कूलों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन स्कूलों में प्रैक्टिकल, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित पढ़ाई कराई जाएगी। ये शिक्षकों के लिए भी काफी अहम होगा। इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी। प्रति ब्लॉक अधिकतम दो स्कूलों (एक प्राथमिक और एक माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक) का चयन किया जाएगा। पीएम श्री स्कूलों के चयन और निगरानी के लिए स्कूलों की जियो टैगिंग की जाएगी।
केंद्र की है पीएम श्री स्कूल योजना
प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-एसएचआरआई) केन्द्र सरकार की एक ऐसी योजना है जिसमें देश के मौजूदा स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना से देश के अनुमानित 14 हजार 500 स्कूल जुड़ेंगे। प्रथम चरण में योजना को 5 सालों के लिए (2022-2027 ) लागू किया जाएगा।
इन स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक प्रखंड स्तर पर कम-से-कम एक आदर्श विद्यालय विकसित करना चाहती है। इसकी निगरानी के लिए पायलट परियोजना के आधार पर ‘पीएम- श्री’ स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की जाएगी।