टोरंटो: वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ जारी पुलिस ऐक्शन की कनाडा से लेकर अमेरिका तक चर्चा है। इन दोनों देशों की राजनीति में सक्रिय कुछ सिख नेताओं ने पंजाब के हालात पर चिंता जताई है। इन नेताओं ने भारत से मानवाधिकारों को बचाने की अपील भी की है। बड़ी बात यह है कि भारत को मानवाधिकारों पर ज्ञान उन देशों के नेता दे रहे हैं, जिनके हाथ अफगानिस्तान, इराक, लीबिया, सीरिया, वियतनाम जैसे न जाने कितने मुल्कों के निर्दोष नागरिकों के खून से रंगे हुए हैं। वहीं, पंजाब पुलिस ने साफ किया है कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई कानून के अनुसार की जा रही है। पुलिस ने अमृतपाल सिंह के 78 समर्थकों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से कई अवैध हथियार भी बरामद हुए हैं।
किस नेता ने क्या कहा
कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने आरोप लगाया है कि भारत में ‘नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है।’ उन्होंने कहा, ”मैं उन रिपोर्टों से बहुत चिंतित हूं कि भारत ने नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया है और पूरे पंजाब राज्य में इंटरनेट ब्लैकआउट कर दिया है। उन्होंने 1984 के सिख विरोधी हिंसा का जिक्र करते हुए भारत की न्यायपालिका और प्रशासन पर आरोप लगाए हैं। मैं जस्टिन ट्रूडो और लिबरल सरकार से नागरिक स्वतंत्रता के निलंबन और विदेशों में कनाडाई लोगों की सुरक्षा के संबंध में चिंता व्यक्त करने के लिए तुरंत अपने भारतीय समकक्षों से संपर्क करने का आह्वान कर रहा हूं।
अमेरिका में अमृतपाल के समर्थन में रैली
अमेरिका के न्यूयॉर्क में रविवार को अमृतपाल सिंह के समर्थन में रैली निकाली गई। इस रैली के लिए शेयर किए गए पोस्टर में अमृतपाल सिंह को रिहा करने की मांग की गई। हालांकि, अमृतपाल सिंह अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। इस पोस्टर में लोगों से न्यूयॉर्क में 3ई 64 स्ट्रीट पर जमा होने की अपील की गई थी।