नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो दिन की छुट्टियों के बाद संसद की कार्यवाही आज शुरू हुई तो बीजेपी सांसदों ने फिर से ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ का नारा लगाने लगे। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्ता पक्ष के सांसदों को समझाने की कोशिश, लेकिन वो नहीं माने तो स्पीकर की त्योरियां चढ़ गईं। उनके चेहरे के हाव-भाव बदल गए। सत्ता पक्ष के सांसदों की नारेबाजी से भन्नाए बिरला ने कहा, ‘क्यों नारेबाजी कर रहे हैं? सदन नारेबाजी के लिए नहीं है।’ यूं तो बिरला कई बार बीजेपी सांसदों को भी उनकी सीमाएं समझाते रहते हैं, लेकिन संभवतः पहली बार वो उनसे नाराज भी दिखे।
हफ्ते भर से ठप है संसद का काम-काज
दरअसल, पिछले सप्ताह बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही शुरू हुई तब से एक दिन भी संसद के दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में काम-काज नहीं हो पाया है। हैरतअंगेज तरीके से इस बार सत्ता पक्ष के सांसद ही सदन नहीं चलने दे रहे हैं। उनकी जिद है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को विदेशी धरती से भारत का अपमान करने के लिए माफी मांगनी ही होगी। हालांकि, कांग्रेस पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी ने लंदन में ऐसा कुछ नहीं कहा जिसे देश का अपमान हुआ हो। इसी खींचतान में दोनों सदन कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित हो जा रहे हैं। आज भी जब लोकसभी की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई तो सदन में सत्ता पक्ष राहुल गांधी की माफी की मांग करने लगा तो विपक्षी सांसद हाथों में तख्तियां लेकर पहुंच गए।
पहले मुस्कुराए, फिर गुस्साए ओम बिरला
राहुल और अडानी के मुद्दे पर हंगामा
इधर, बीजेपी सांसद भी नारेबाजी करते रहे- राहुल गांधी माफी मांगो, माफी मांगो। इस पर बिरला ने कहा, ‘क्यों नारेबाजी कर रहे हो। नारेबाजी के लिए यह सदन नहीं है।’ उन्होंने ये बातें सत्ता पक्ष के सांसदों से कहीं। वहीं, तख्तियां लेकर पहुंचे विपक्षी सांसदों से भी बिरला ने शांति बरतने की अपील की। जब कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने कहा, ‘संसद चलाने का ये तरीका है? संसद ऐसे चलेगी? आप तख्तियां लेकर आ रहे हो। सदस्य तख्तियां रखिए। संसद में कोई तख्ती लेकर नहीं आता है।’ इस बीच विपक्षी सांसद तख्तियां लहराते हुए ‘We want JPC (हमे जेपीसी चाहिए) के नारे लगाते रहे।’ ध्यान रहे कि विपक्ष हिंडनबर्ग रिपोर्ट में गौतम अडानी की कंपनियों में गड़बड़ी के दावों की जांच करवाने की मांग कर रहा है। विपक्ष इसी के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहा है। उसका आरोप है कि सत्ता पक्ष इसी मुद्दे से देश का ध्यान हटाने के लिए राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान को तिल से ताड़ बना रहा है।