रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एक बाल्टिक सागर के ऊपर दो अमेरिकी बॉम्बर को रूसी सीमा के पास आता देख एक सुखोई 35 फाइटर जेट को रवाना किया गया। इससे पहले पिछले हफ्ते ही अमेरिकी निगरानी ड्रोन को रूसी सुखोई-27 फाइटर जेट ने टक्कर मारकर गिरा दिया था। यह घटना काला सागर में हुई थी। पिछले साल यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार अमेरिका और रूस के बीच सीधी टक्कर हुई थी। रूसी मीडिया ने बताया कि रेडॉर ने दोनों ही अमेरिकी बॉम्बर को रूस की सीमा की ओर आते हुए डिटेक्ट किया था।
काला सागर के ऊपर अमेरिकी ड्रोन को गिराया
रूस ने कहा कि हमने अपने फाइटर जेट को इसलिए भेजा ताकि अमेरिकी बॉम्बर हमारी सीमा का उल्लंघन नहीं कर सके। उसने यह भी कहा कि हमारे फाइटर जेट निर्दिष्ट इलाके तक पहुंचे थे। रूस ने कहा कि हमारे फाइटर पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन कर रहे थे। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि देश की सीमा के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले शुक्रवार को रूस ने अपने उन दो पायलटों को राजकीय सम्मान से नवाजा जिन्होंने काला सागर के ऊपर अमेरिकी ड्रोन को गिरा दिया था।