पिछले सात दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध आज भी जारी रही। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनटों बाद ही दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया। इस पर पीठासीन अधिकारियों ने अपने-अपने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए टाल दी। ध्यान रहे कि पिछले हफ्ते से दोनों ही सदनों में कोई खास कामकाज नहीं हो पाया। आज संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने टॉप मंत्रियों के साथ मीटिंग की। उधर, विपक्षी दलों के बीच भी मंथन हुआ जिसमें कांग्रेस पार्टी और समान विचारधारा वाले दलों के बीच आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। ध्यान रहे कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने रुख पर कायम हैं। सत्ता पक्ष राहुल गांधी से लगातार लंदन में दिए बयानों पर माफी की मांग कर रहा है। मंगलवार को बीजेपी के संबित पात्रा ने कहा कि (राहुल से) ‘माफी तो मंगवा के ही रहेंगे।’ उधर, विपक्ष अडानी मामले में JPC बनाने की मांग उठाता रहा। लोकसभा में न तो प्रश्नकाल हुआ और न ही शून्यकाल चल पाया। राहुल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि उन्हें ब्रिटेन में दिए उनके बयान को लेकर सदन में अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी लोकसभा में अपनी बात रख सकें, इसके लिए मंगलवार का समय मांगा गया है। अगर स्पीकर ने इजाजत दी तो राहुल आज सदन में अपना पक्ष रख सकते हैं। लोकसभा और राज्यसभा में आज की कार्यवाही के अपडेट्स देखिए…
फिर नहीं चली संसद
आज भी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में नाम मात्रा का काम-काज हुआ और कार्यवाही स्थगित हो गई। पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही 2 बजे के लिए स्थगित कर दी। फिर राज्यसभा की कार्यवाही को सभापति जगदीप धनखड़ ने 2 बजे तक टाल दिया। उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच की मांग के नोटिसों को खारिज कर दिया। इसके बाद विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। सभापति ने कहा कि जब तक सदन सुचारू रूप से नहीं चलेगा, तब तक किसी भी नोटिस पर विचार नहीं किया जाएगा। इस पर हंगामा बढ़ा तो सभापति ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सभापति धनखड़ ने सदन में पक्ष और विपक्ष के नेताओं को 11.30 बजे उनके दफ्तर में मिलने को कहा। राज्यसभा के नियम 262 के तहत 11 विपक्षी सांसदों ने नोटिस दिए थे। इनमें आठ सांसदों ने अडानी समूह की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने में सरकार की असफलता पर चर्चा की मांग की। बाकी के तीन नोटिस में भी अडानी ग्रुप पर ही चर्चा की मांग की गई थी। सभापति ने सभी को यह कहते हुए खारिज कर दिया की सदन में व्यवस्था कायम हुए बिना चर्चा संभव नहीं है।
संसद की कार्यवाही से पहले बैठकों का दौर
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले आज सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ने आगे की रणनीति बनाने के लिए बैठकें कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने टॉप मंत्रियों के साथ इस बात की चर्चा की कि सप्ताहभर से ठप संसद में कामकाज कैसे हो सके। वहीं, कांग्रेस के साथ समान विचारधारा वाली पार्टियों की भी मीटिंग हुई। विपक्षी दलों की मीटिंग हर दिन संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले होती है जो मंगलवार को भी हुई।
आज के मीर जाफर हैं राहुल, बीजेपी का हमला
मंगलवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना मीर जाफर से कर डाली। पात्रा ने कहा, ‘मीर जाफर ने जो किया था नवाब बनने के लिए और जो राहुल गांधी ने लंदन में किया है… वो ठीक वही है। शहजादा नवाब बनना चाहता है… आज के मीर जाफर को माफी मांगनी ही पड़ेगी। शहजादे… ये नहीं चलेगा।’
- कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत अडानी ग्रुप के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
- कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में ‘संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत सांसदों को मिली अभिव्यक्ति की आजादी’ पर चर्चा की मांग के लिए कार्य-स्थगन प्रस्ताव दिया है।
- कांग्रेस सांसद मणिकराम टैगोर लोकसभा में अडानी ग्रुप के मसले पर जांच के लिए नोटिस दिया।
- DMK सांसद तिरुचि शिवा ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत ‘कॉर्पोरेट फ्रॉड की जांच के लिए JPC पर चर्चा’ का नोटिस दिया।
राहुल गांधी ने स्पीकर से आज बोलने के लिए मांगा समय
ब्रिटेन से लौटने के बाद राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते बिरला से मुलाकात भी की थी। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी भारतीय लोकतंत्र के संदर्भ में दिए अपने उस बयान को लेकर सदन में अपना पक्ष रखना चाहते हैं, जिसको लेकर BJP उनसे लगातार माफी की मांग कर रही है। सूत्रों का कहना है कि वह अपने बयान को लेकर सदन के भीतर बात रखना चाहते हैं और इसलिए लोकसभा अध्यक्ष से समय मांगा है।
BJP का आरोप है कि कांग्रेस नेता ने विदेशी धरती से भारत का अपमान किया है और भारत में विदेशी हस्तक्षेप का आग्रह किया है। राहुल गांधी ने विदेश मामलों की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में कहा था कि उनकी टिप्पणियों के लिए उन्हें राष्ट्र-विरोधी करार नहीं दिया जा सकता है और उन्होंने किसी विदेशी दखल की बात नहीं की थी।
मांग माने जाने तक संघर्ष जारी रहेगा : विपक्ष
विपक्ष अडानी मुद्दे को लेकर अपने रुख में नरमी लाता नहीं दिख रहा। सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले तमाम विपक्षी दलों की बैठक हुई। कांग्रेस की अगुआई में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के ऑफिस में बुलाई गई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, के. सी. वेणुगोपाल, जयराम रमेश, डीएमके के टी आर बालू, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के संजय राउत के अलावा AAP, RJD, CPM, CPI, NCP, JDU, IUML, नैशनल कॉन्फ्रेंस, सहित कई दलों के नेता शामिल हुए। बाद में इसमें समाजवादी पार्टी भी जुड़ गई।
विपक्षी दल विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और अडानी ग्रुप से जुड़े कथित घोटाले के मामले पर इस सत्र में सरकार को घेरने को लेकर एकजुट हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए एक बयान को लेकर पुलिस की पूछताछ का मुद्दा भी सदन में उठाने पर सहमति बनी। बैठक के बाद तमाम विपक्षी दलों ने मीडिया के सामने आकर अपनी बात भी रखी। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार पर अडानी ग्रुप के मामले की जांच के लिए JPC गठित करने की मांग से ध्यान भटकाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि मांग माने जाने तक उनका संघर्ष लोकतांत्रिक ढंग से जारी रहेगा।
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि सत्ता पक्ष की तरफ से जो ‘ड्रामा’ किया जा रहा है, वह बिना पीएम मोदी के इशारे के नहीं हो सकता। तिवारी का कहना था कि भारत माता के चरणों में बैठकर जो घोटाला किया गया है, उसकी जांच के लिए जेपीसी का गठन होना जरूरी है और यह मांग देश की जनता के हित में है। उनका कहना था कि BJP को लगता है कि अगर जेपीसी जांच हुई तो वह बेनकाब हो जाएगी।
दूसरे हफ्ते भी सदन में हंगामा और नारेबाजी, नहीं हुआ काम
सोमवार सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से नारेबाजी और हंगामा शुरू हो गया। इस बीच कांग्रेस सदस्यों ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के एक बयान को लेकर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा उनसे जानकारी मांगने से जुड़े मुद्दे को भी उठाने की कोशिश की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शोर-शराबा बंद करने और बैठक चलने देने की अपील की। उनका कहना था कि प्रश्नकाल के बाद विपक्षी सदस्यों को पर्याप्त मौका दिया जाएगा। जो भी सदस्य नियमों और प्रक्रिया के तहत नोटिस देंगे, उन्हें बोलने का अवसर मिलेगा। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने मिनटों बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दो बजे सदन जब फिर मिला तो दोनों तरफ से नारेबाजी होने लगी। हंगामे के बीच पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों और समिति अध्यक्षों ने संबंधित कागजात रखे। पीठासीन सभापति सोलंकी ने नारे लगा रहे सदस्यों से सदन चलने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही करीब 15 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।