चेन्नई: भारतीय टीम में चोटिल खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। लेकिन कप्तान रोहित शर्मा को नहीं लगता कि वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत राष्ट्रीय टीम का कोई खिलाड़ी 31 मार्च से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों से हटेगा। जसप्रीत बुमराह से लेकर श्रेयस अय्यर तक राष्ट्रीय टीम के चोटिल खिलाड़ियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और रोहित ने कहा की अक्टूबर-नवंबर में स्वदेश में होने वाले वर्ल्ड कप से पहले वर्कलोड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी आईपीएल फ्रेंचाइजी मालिकों और स्वयं खिलाड़ियों पर होगी।
आईपीएल 28 मई को समाप्त होगा जिसके बाद भारतीय खिलाड़ियों को लंदन के ओवल में सात जून से शुरू होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेलने के लिए केवल एक सप्ताह से अधिक का ही समय मिल पाएगा। रोहित ने कहा कि 50 ओवरों के विश्व कप को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन ने खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर आईपीएल फ्रेंचाइजी मालिकों को संकेत दे दिए हैं।
उन्होंने कहा,‘यह सब अब फ्रेंचाइजी पर निर्भर है। खिलाड़ियों पर अब फ्रेंचाइजी का अधिकार है इसलिए हमने उन्हें कुछ हद तक संकेत दे दिए हैं। आखिर में यह फ्रेंचाइजी का फैसला होगा और सबसे महत्वपूर्ण यह खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि वह अपने शरीर का ध्यान रखें।’
भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी द्विपक्षीय सीरीज के दौरान बुमराह की सेवाएं नहीं मिली जबकि अहमदाबाद में चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के दौरान अय्यर के पीठ की चोट फिर से उभर आई और वह इसके बाद वनडे सीरीज में नहीं खेल पाए। रोहित ने कहा,‘ईमानदारी से कहूं तो खिलाड़ियों को फिट रखने के लिए हर कोई अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है। हम खिलाड़ियों के प्रबंधन पर काफी ध्यान दे रहे हैं और इसलिए हमने बीच-बीच में कुछ खिलाड़ियों को विश्राम भी दिया। हम अपनी तरफ से उनके वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। मैं विशेषज्ञ नहीं हूं जो आपको बता सकूं कि चोट फिर से क्यों उभर रही हैं। हमारी चिकित्सा टीम इस पर ध्यान दे रही है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि विश्वकप तक हमारे 15 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी तैयार रहें।’