नई दिल्ली: देश के नागरिकों की डिजिटल पहचान का जरिया बना आधार (Aadhar) अब ग्लोबल हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत से सहायता लेकर फिलिपींस और मोरक्को ने अपने यहां इस सिस्टम को शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, अन्य 8 से 10 देश अपने यहां आधार जैसा सिस्टम लागू करने के लिए भारत से विचार-विमर्श कर रहे हैं। भारत में आधार जारी करने वाली संस्था UIDAI दुनिया के तमाम देशों को डिजिटल पहचान दिलाने में मदद कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, जिन देशों में आधार जैसा सिस्टम लागू करने पर विचार-विमर्श चल रहा है, उनमें सिंगापुर, ब्राजील, मेक्सिको, वियतनाम, केन्या, श्रीलंका, नेपाल अहम हैं। सूत्रों के मुताबिक, फिलिपींस और मोरक्को ने IIIT बेंगलुरु और मॉड्युलर ओपन सोर्स आईडेंटिफिकेशन प्लैटफॉर्म (MOSIP) से समझौता करके अपने यहां आधार जैसे सिस्टम पर काम शुरू कर दिया है।
भारत से मदद मांग रहे हैं कई देश
आधार के 5 सूत्री अजेंडे में इंटरनैशनल डिजिटिलाइजेशन प्रमुख हिस्सा है। इसी के तहत दुनिया के 8 से 10 शहर भारत के संपर्क में आकर विचार-विमर्श कर रहे हैं। ये देश चाहते हैं कि भारत की तरह वे कैसे अपने नागरिकों को डिजिटल पहचान दिलाने वाला नंबर शुरू कर सकें। कई देशों ने जानना चाहा है कि कैसे इस तकनीक को बनाया और इस्तेमाल किया जाता है। भारत ने अपने प्रत्येक नागरिक को डिजिटल पहचान दिलाने में कामयाबी हासिल की है। वहीं, कई देश अभी इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए हैं और भारत जैसी डिजिटल पहचान के प्रति आकर्षित हो रहे हैं।
प्राइवेट सेक्टर में आधार की तैयारी
सरकारी योजनाओं के साथ अब आधार का इस्तेमाल प्राइवेट सेक्टर की योजनाओं में भी करने पर काम चल रहा है। टेलिकॉम कंपनियों के अलावा, इंश्योरेंस कंपनियां, पेंशन फंड्स, नॉन बैंकिंग फाइनैंशनल कंपनी भी इसे इस्तेमाल के लिए सामने आई हैं। करीब 300 से 400 कंपनियां ऐसी हैं, जो जिंदगी को आसान बनाने के लिए आधार का इस्तेमाल करना चाहती हैं। भारत में आधार के जरिए ही डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर और मनरेगा जैसी 700 स्कीम चल रही हैं।