उज्जैन में विक्रमोत्सव पर शिप्रा नदी का तट रोशनी से नहाया। विक्रम संवत 2080 नववर्ष के मौके पर यह आयोजन किया गया। आतिशबाजी भी की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक का दूसरा चरण जुलाई में पूरा होगा। गुड़ी पड़वा के मौके पर उज्जैन नगर निगम की ओर से गौरव दिवस सम्मान दिया जाएगा। इसमें सवा लाख रुपए की राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य ने जो संवत प्रारंभ किया उसे आज भी पूरा भारत मानता है। हमारा नववर्ष वर्ष प्रतिपदा गुड़ी पड़वा है। हम अपने नए साल को धूमधाम से मना पाएं इसके लिए हमने तय किया कि गुड़ी पड़वा के दिन अवकाश रहेगा।
कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि महाकाल लोक बनने के बाद देश-दुनिया में उज्जैन का नाम सबसे ऊपर है। महाकाल लोक के दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद यह परिसर चार गुना बड़ा हो जाएगा। उन्होंने मौजूद लोगों को उज्जैन के निर्माण और हर क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए योगदान देने का संकल्प भी दिलाया।
उन्होंने कहा कि ब्रम्हापुराण में उज्जैन को सबसे श्रेष्ठ शहर बताया है। भोलेनाथ ने माता पार्वती के कहने पर इस नगरी को बसाया था, इसलिए इसे विशाला भी कहते हैं। सम्राट विक्रमादित्य ने जो संवत चालू किया था, उसे हम गुड़ी पड़वा के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ब्रम्हापुराण में उज्जैन को सबसे श्रेष्ठ शहर बताया है। भोलेनाथ ने माता पार्वती के कहने पर इस नगरी को बसाया था, इसलिए इसे विशाला भी कहते हैं। सम्राट विक्रमादित्य ने जो संवत चालू किया था, उसे हम गुड़ी पड़वा के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि महाकाल लोक का परिसर की महिमा भव्यता और बढ़ेगी। पूरी दुनिया में महाकाल लोक की चर्चा है। श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने महाकाल के दर्शन किए। इसके बाद महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण के कार्यों की समीक्षा की। सीएम ने 30 जून तक सभी काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। सीएम ने हरसिद्धि माता के दर्शन भी किए।
सिंगर शान ने दी प्रस्तुति
नववर्ष के मौके पर शिप्रा नदी का रामघाट, दत्त अखाड़ा क्षेत्र समेत पूरा नदी किनारे पर रोशनी की गई है। इससे नजारा खूबसूरत नजारा नजर आया। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इसमें ख्यात सिंगर शान ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम से पहले सीएम ने ई-कार्ट में बैठकर महाकाल लोक का अवलोकन किया। कार्यक्रम के लिए शिप्रा नदी के बीच में मंच बनाया गया था।