लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि टी.बी. मुक्त भारत के निर्माण में सबकी भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक देश को टी.बी. से मुक्त करने के लिये हम संकल्पित हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी शुक्रवार को विश्व क्षय दिवस पर टी.बी. जागरूकता के लिये निवास कार्यालय से बाइक रैली को रवाना कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि टी.बी. के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। इस सिलसिले में स्वास्थ्य विभाग ने बाइक रैली निकाली है। उन्होंने कहा कि टी.बी. के प्रति व्याप्त शंकाओं को दूर करने और मरीजों को नियमित दवा सेवन का संदेश देने में सबकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि टी.बी. के सामान्य लक्षण, जो 2 सप्ताह की खाँसी, बुखार, वजन में कमी होना, कफ के साथ खून आना आदि है, दिखने पर चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। शुरूआती दौर में बीमारी के लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेने पर दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि टी.बी. के इलाज की सुविधा नि:शुल्क है। टी.बी. के मरीज को उपचार की अवधि में 500 रूपये प्रतिमाह दिया जाता है। यह राशि मरीजों के खाते में पहुँचाई जाती है। क्षय रोगियों को सहायता देने के लिये निक्षय मित्र कार्य कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी, जिला क्षय अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा और डॉ. एच.एस. कदम उपस्थित थे।