नई दिल्ली: देश में एक बार फिर से कोरोना मामलों में हो रहे इजाफा से लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। ताजा अपडेट के अनुसार देश के 14 राज्यों के 32 जिलों में साप्ताहिक टेस्टिंग पॉजिटिव रेट (TPR) 10 फीसदी के पार चला गया है। दो सप्ताह में ये आंकड़ा 3.5 गुना बढ़ गया है। दो हफ्ते पहले 5 राज्यों के 9 जिलों में टीपीआर 10 फीसदी था। देश के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 63 जिलों में 19 से 25 मार्च में TPR 5 से 10 फीसदी था, जो दो सप्ताह पहले 8 राज्यों के 15 जिलों में था।
देशभर में बढ़ रहा टेस्टिंग पॉजिटिव रेट
अगर बात राजधानी दिल्ली की करें, तो दिल्ली के चार जिलों में सबसे ज्यादा टेस्टिंग पॉजिटिव रेट दर्ज किया गया। इसमें साउथ दिल्ली में 13.8 फीसदी, ईस्ट दिल्ली में 13.1 फीसदी, नॉर्थ-ईस्ट जिले में 12.3 फीसदी और सेंट्रल दिल्ली में 10.4 फीसदी शामिल हैं। वहीं अन्य राज्यों में सबसे ज्यादा टीपीआर वाले जिलों की बात करें, तो केरल के वायनाड में 14.8 फीसदी, कोट्टायम में 10.5 फीसदी, गुजरात के अहमदाबाद में 10.7 फीसदी, महाराष्ट्र के सांगली में 14.6 फीसदी और पुणे में 11.1 फीसदी टीपीआर दर्ज किया गया।
डॉक्टर्स का कहना है कि पिछले साल जनवरी और मार्च के बीच भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दौरान कोविड रोगियों में समान लक्षण दिखाई दे रहे थे, और वे अस्पताल में भी कम ही भर्ती हो रहे थे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड टास्क फोर्स के को-चेयरमैन डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि कोविड मामलों में उछाल के बावजूद, देश भर के अस्पतालों में अभी तक कोविड मरीजों की संख्या कम है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम इसको हल्के में लें। हमें कोविड पर बारीकी से नजर रखने की जरुरत है।
दिल्ली के लोक नायक अस्पताल के हेल्थ डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि फिलहाल उनके हॉस्पिटल में कोरोना के सिर्फ दो मरीज भर्ती हैं। एक मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, जबकि दूसरा वेंटिलेटर सपोर्ट पर है। डॉ. कुमार ने कहा, ‘ज्यादातर मरीजों में शुरुआती तौर पर लक्षण नहीं दिखते। लेकिन जो कोविड मरीज अस्पताल आते हैं, वो बुखार, खांसी और कुछ मामलों में सांस फूलने जैसी शिकायतें बताते हैं।
केंद्र सरकार ने राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि अगर कोई नया वेरिएंट हो तो उसके फैलने से पहले पता लगाया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इमरजेंसी तैयारियों का जायजा लेने के लिए 10 और 11 अप्रैल को देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के साथ कोविड की ताजा स्थिति पर समीक्षा बैठक की। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि नए कोविड वेरिएंट के बावजूद, टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीनेशन और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना कोविड प्रबंधन में कारगर है।
राजधानी दिल्ली में देशभर के अन्य राज्यों की तरब कोविड मामले बढ़ रहे हैं। हफ्तेभर में दिल्ली में 877 नए कोविड केस दर्ज किए गए। NSACOG के अनुसार, नए सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग में XBB.1.16 देखा गया है, जो ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक सब वेरिएंट है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, XBB.1.16 सब वेरिएंट भी अल्फा, डेल्टा और ओमिक्रॉन की तरह ही खतरनाक हो सकता है। ये सब वेरिएंट भी तेजी से फैलता है, हालांकि ये ज्यादा गंभीर नहीं है।
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया में एपिडेमियोलॉजिस्ट और लाइफ कोर्स एपिडेमियोलॉजी के प्रमुख डॉ गिरिधर आर बाबू ने कहा कि जब तक अस्पताल में भर्ती होने या मौतों में कोई बड़ा उछाल नहीं आता है, तब तक संक्रमण में वृद्धि केवल लहर या स्पाइक का संकेत नहीं देती है। हालांकि XBB.1.16 अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है। लेकिन इसके गंभीर होने, अस्पताल में भर्ती होने या उच्च मृत्यु दर का कोई सबूत नहीं है। इसका मतलब है कि वैक्सीन की डोज अभी भी काम कर रही हैं।
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि अन्य स्ट्रेन की तुलना में नया स्ट्रेन तेजी से फैलता है। वायरस लगातार अपने स्वरूप को बदल रहा है। इसलिए हम कोरोना मामलों में इजाफा देख रहे हैं। लेकिन इस बार 2020 और 2021 में आई कोरोना की लहर की तरह स्थिति नहीं होगी। हाल ही में फ्लू के बढ़ते मामलों के बीच कोविड टेस्टिंग बढ़ा दी गई है।
पिछले साल जनवरी में ओमिक्रॉन लहर के बाद कोविड के मामले कम होने लगे। हालांकि अगस्त के महीने में फिर से राजधानी में कुछ मामले देखे गए। लेकिन सितंबर के बाद ये फिर से थम सा गया था। XBB.1.16 वायरस का एक नया प्रकार है जो सब वेरिएंट BA.2.10.1 और BA 2.75 के संयोजन से विकसित हुआ है। अब तक 14-15 देशों में इसके केस मिले हैं। आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉ ललित कांत ने कहा, अब तक भारत में रिपोर्ट किया गया संक्रमण मामूली और गंभीर नहीं है। मरीज भी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं।