नई दिल्ली: मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी के काम करने का अपना स्टाइल है। वह मंच से अपने दिल की बात कह जाते हैं और अधिकारियों को सुना भी देते हैं। वह अपने काम को लेकर कॉन्फिडेंट रहते हैं, ऐसे में जब किसी चीज को लेकर आलोचना होने लगे तो वह उसे गंभीरता से लेते हैं। NH-48 का मामला भी ऐसा ही है। दरअसल, राजस्थान में दिल्ली-जयपुर हाईवे (Delhi Jaipur Highway) का एक हिस्सा लटका पड़ा है। कामकाज नहीं हो रहा है। जनता सरकार को इसका जिम्मेदार समझ रही है जबकि अंदर की कहानी अलग है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने NHAI के अधिकारियों से उस हिस्से में होर्डिंग लगाकर जनता को सच्चाई बताने को कहा है। उन्होंने कहा कि होर्डिंग में साफ बताया जाए कि सरकार काम न करने वाले ठेकेदार को हटा नहीं पा रही है क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने स्टे ऑर्डर दिया है। राजस्थान के उस हिस्से में कॉन्ट्रैक्टर ने काम बंद कर दिया है और NHAI के टर्मिनेशन नोटिस को कोर्ट में चुनौती दी है।
हिंदुस्तान ऐसा देश है…
एसोचैम के एक कार्यक्रम में गडकरी ने व्यंग्य के लहजे में कहा, ‘हिंदुस्तान ऐसा देश है, यहां काम करो… ऐसा कहने के लिए कोई नहीं आता। काम बंद करो। काम स्टे करो। अभी दिल्ली-जयपुर में रोज मुझे लोग गालियां देते हैं। हाई कोर्ट ने स्टे लगाया है। मैंने अपने अधिकारियों को बोला कि वहां बोर्ड लगा दो कि सम्मानीय हाई कोर्ट साहब ने इस काम के टेंडर को स्टे दिया है इसलिए जनता को जो तकलीफ हो रही है इसके लिए हम NHAI की तरफ से आपसे क्षमा मांगते हैं। उनका नाम लगाकर वहां छपवाओ ताकि उनका हम सम्मान करें और सच भी लोगों को बताएं।’ यह कहकर गडकरी और कार्यक्रम में बैठे लोग हंसने लगे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब आज ही इस मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। NHAI ने मई 2022 में एनएच-48 के राजस्थान में 166 किमी वाले हिस्से का काम रोडवेज सॉल्यूशन इंडिया इन्फ्रा लिमिटेड (RSIIL) को सौंपा था। अनुमानित लागत से कम में प्रोजेक्ट पूरा करने का प्रस्ताव रखने के कारण ठेकेदार को यह काम मिला। उसी साल जुलाई में काम शुरू भी हो गया लेकिन NHAI ने ठेका रद्द कर दिया क्योंकि वह रूटीन मेंटेनेंस और दूसरे जरूरी काम को ठीक तरह से नहीं कर रहा था। इसके बाद ठेकेदार दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया और स्टे की मांग की। तब से मामला कोर्ट में है।
एसोचैम के सालाना सत्र में गडकरी ने कहा कि श्रीनगर-लेह हाईवे पर 6.5 किमी जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन अगले महीने होने जा रहा है। एशिया की सबसे बड़ी सुरंग जोजिला के 2024 में पूरा होने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि चीन में लॉजिस्टिक लागत 8 प्रतिशत है, अमेरिका और यूरोपीय संघ में 12% है। भारत के उद्योग और कारोबार के सामने लॉजिस्टिक की ऊंची लागत बड़ी चुनौती है, जो 16 प्रतिशत है। सरकार ने इसे 2024 तक 9 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है। इससे निर्यात बढ़ जाएगा।
गडकरी ने कहा कि सरकार सड़क और रेलवे दोनों मार्गों में सुधार पर ध्यान दे रही है। बड़े शहरों और केंद्रों के बीच की दूरी कम करने पर ध्यान देने के साथ ही सरकार हरित राजमार्ग और इंडस्ट्रियल गलियारा बना रही है। गडकरी ने कहा, ‘दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद लोग मात्र 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई जा सकते हैं। नागपुर से मुंबई 5 घंटे में और नागपुर से पुणे 6 घंटे में पहुंच सकेंगे। इससे लॉजिस्टिक लागत कम करने में मदद मिलेगी।’
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