कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर उनका देश प्रमुख पूर्वी शहर में लड़ाई नहीं जीतता है तो रूस इस पर समझौते के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना शुरू कर सकता है जिसके लिए यूक्रेन को स्वीकार न करने योग्य समझौते करने पड़ सकते हैं। उन्होंने लंबे समय से रूस के सहयोगी रहे चीन के नेता को भी दौरे के लिए आमंत्रित किया। जेलेंस्की ने एपी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यदि बखमुत पर रूसी सेना का कब्जा हो जाता है तो उनके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘‘इस जीत का पश्चिमी देशों, अपने समाज, चीन और ईरान के सामने बखान करेंगे।’’
जेलेंस्की ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘अगर उन्हें जरा भी महसूस हुआ कि हम कमजोर पड़ रहे हैं तो वह हमें दबाएंगे।’यूक्रेन को कई पश्चिम देश रूस के खिलाफ उसकी लड़ाई में सहयोग कर रहे हैं और यूक्रेन ने भी अत्याधुनिक हथियारों से लैस रूस की विशाल सेना को मुंहतोड़ जवाब देकर दुनिया को हैरान कर दिया है। यूक्रेन की सेना देश की राजधानी कीव पर अपना अधिकार बनाए हुए है और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अन्य महत्वपूर्ण इलाकों से भी रूस को पीछे हटने को मजबूर किया है। जेलेंस्की इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि उनके देश की सफलता में अंतरराष्ट्रीय सैन्य मदद विशेष कर अमेरिका और पश्चिमी यूरोपीय देशों की मदद का हाथ है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं 2024 के चुनाव में उम्मीदवार समेत कुछ नेताओं ने यह सवाल किया है कि क्या अमेरिका को सैन्य मदद के नाम पर यूक्रेन को अरबों डॉलर की आपूर्ति जारी रखना चाहिए। जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप या रिपब्लिकन पार्टी के अन्य किसी नेता का नाम लिए बगैर कहा कि अमेरिका में 2024 के चुनाव में अगर रिपब्लिकन पार्टी की जीत होती है तो उन्हें चिंता है कि देश में सत्ता परिवर्तन से युद्ध पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका वाकई में समझता है कि अगर उन्होंने हमें मदद रोक दी तो हम जीत नहीं पाएंगे।’’
जिनपिंग से बात करने की ख्वाहिश
24 फरवरी, 2022 में रूस के आक्रमण के बाद से कई देशों के नेता यूक्रेन की यात्रा कर चुके हैं। एपी के साथ साक्षात्कार में जेलेंस्की ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चीन के नेता शी जिनपिंग को भी यूक्रेन आने का निमंण दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें यहां देखना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे बात करना चाहता हूं। मैंने इस युद्ध से पहले उनसे बात की थी। लेकिन इस एक साल या उससे अधिक समय से मेरी उनसे बात नहीं हुई है।’यह पूछे जाने पर कि क्या शी, जेलेंस्की के निमंत्रण को स्वीकार करेंगे या किसी को आधिकारिक रूप से वहां भेजा जाएगा, इस पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने पत्रकारों से कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकतीं। उन्होंने कहा कि बीजिंग यूक्रेन समेत सभी संबंधित पक्षों से संवाद’’ बनाए रखेगा।
कुछ पश्चिमी सैन्य विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि बखमुत सामरिक रूप से महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन जेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि अगर इस वक्त युद्ध में कहीं भी हार होती है तो यह यूक्रेन को जोखिम में डाल सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने कदम पीछे नहीं खींच सकते क्योंकि इस युद्ध में छोटी-छोटी जीत से हम आगे बढ़ सकते हैं। छोटी जीत, छोटे कदम।’’ उन्होंने आशंका जताई कि अगर बखमुत में हार होती है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय और घरेलू दोनों ही स्तर से इस पर तुरंत प्रतिक्रिया आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा समाज थका हुआ महसूस करेगा। हमारा समाज मुझे उनके साथ समझौता करने के लिए दबाव डालेगा।’’