अगर ये कहें कि 90 के दशक का रामानंद सागर का सीरियल ‘रामायण’ सिर्फ एक सीरियल नहीं, बल्कि इमोशन है, तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा। ये शो हर किसी के दिल में बस गया था। इसमें काम करने वाले कलाकारों को लोगों ने भगवान ही समझ लिया था। इन कलाकारों में अरुण गोविल भी शामिल थे, जिन्होंने श्री राम का किरदार निभाया था। वे जहां भी जाते, लोग उनके कदम छूने लगते थे। उनकी पूजा तक करते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा समय भी आया था, जब सिगरेट पीने की वजह से अरुण को गालियां भी पड़ी थीं। यहां तक कि ‘रामायण’ के बाद उन्हें काम भी नहीं मिला था।
’रामायण’ को लेकर था जबरदस्त क्रेज
‘रामायण’ सीरियल दूरदर्शन पर आता था। जिस समय ये सीरियल ऑनएयर होता था, उस समय सारी सड़कें खाली हो जाती थीं, क्योंकि सभी टीवी से चिपक जाते थे। शो का क्रेज इस कदर था कि इसके 52 एपिसोड ही बनने थे, लेकिन तीन बार इसे बढ़ाया गया और 78 एपिसोड टेलिकास्ट किए गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूरदर्शन को हर एपिसोड के लिए 40 लाख रुपये मिलते थे, जबकि एक एपिसोड को बनने में सिर्फ 9 लाख का खर्चा आता था।
अरुण गोविल को खूब मिला प्यार
रामानंद सागर का सीरियल ‘रामायण’ 55 अलग देशों में टेलिकास्ट हुआ और इसे 650 मिलियन लोगों ने देखा। इस शो में अरुण गोविल को खूब प्यार मिला था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो सेट पर सिगरेट पीते थे और फिर कुछ ऐसा हुआ कि उनकी जिंदगी बदल गई!
पर्दे के पीछे पीते थे सिगरेट
जानकारी के मुताबिक, अरुण गोविल ने शुरुआत में रामानंद सागर की शर्त पर सहमत होने के बाद भी शूटिंग से ब्रेक के दौरान स्मोक करना नहीं छोड़ा। पिंकविला को दिए इंटरव्यू में एक्टर ने बताया था कि जब भी उन्हें शूटिंग से फुर्सत मिलती थी तो वो पर्दे के पीछे जाकर सिगरेट पीना शुरू कर देते थे।
और फिर बदल गई जिंदगी
हालांकि, ऐसे ही एक ब्रेक के दौरान, जब वो सिगरेट पी रहे थे, एक शख्स उनके पास आया और उनपर फट पड़ा। उस दिन अरुण समझ गए कि कैसे उनके फैंस का उन पर बहुत विश्वास था, क्योंकि वो भगवान राम को चित्रित कर रहे थे। उसके बाद अरुण ने सिगरेट को कभी हाथ नहीं लगाया और अपने किरदार में लीन हो गए। यही नहीं, सीरियल का हिस्सा बनने के बाद वो पूरी तरह से आध्यात्मिक भी हो गए थे।
कोविड में भी खूब मिला प्यार
रामायण सीरियल को कोरोना काल में फिर से दूरदर्शन पर टेलिकास्ट किया गया था और एक बार फिर दर्शकों ने इस पर खूब प्यार लुटाया था।