बीजिंग: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हाल में ही चीन के एक जासूसी जहाज को भारत की जलीय सीमा के बिलकुल करीब देखा गया है। है यांग शि यू 760 नाम का यह जासूसी जहाज बंगाल की खाड़ी में गश्त कर रहा है। चीन का यह जासूसी जहाज वर्तमान में पारादीप के तट से 300 किलोमीटर उत्तर पूर्व में मौजूद है। अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में होने के कारण इस जहाज को खदेड़ा नहीं जा सकता है। चीन इस जासूसी जहाज के जरिए बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में गहराई और लवणता जैसे डेटा को इकट्ठा कर रहा है। इस डेटा को भविष्य में बंगाल की खाड़ी में चीनी पनडुब्बी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
बंगाल की खाड़ी में क्या कर रहा चीनी जासूसी जहाज
चीन का जासूसी जहाज है यांग शि यू 760 अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इसे 2015 में टियांजिन में बनाया गया था। इसका वजन 2000 टन है। चीनी नौसेना ऐसे जहाजों को नियमित तौर पर हिंद महासागर में भेजती है। इनका मकसद समुद्री गहराई, लवणता जैसे डेटा को इकट्ठा करना और समुद्र के नीचे का 3डी नक्शा बनाना है। वर्तमान में हिंद महासागर के इलाके में चीनी नौसेना के ऐसे ही दो अन्य जासूसी जहाज भी गश्त कर रहे हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में हिंद महासागर के इलाके में चीनी नौसेना की गतिविधियां बढ़ने वाली है।
बांग्लादेश ने क्यों बुलाया चीनी जासूसी जहाज
सूत्रों का कहना है कि है यांग शि यू 760 ने 29 दिसंबर 22 मार्च की रात को मलक्का जलडमरूमध्य के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश किया। इस जहाज को जनवरी से मई 2023 तक बांग्लादेश के स्पेशल इकॉनमिक जोन में तेल और गैस की खोज करने के लिए बांग्लादेश ने अनुबंधित किया है। कुछ महीने पहले ही भारत और बांग्लादेश के बीच समुद्री सीमा विवाद को सुलझाया गया था। इसके बाद से ही बांग्लादेश चीन की मदद से बंगाल की खाड़ी में तेल और गैस के ब्लॉक की खोज कर रहा है।
चीनी जासूसी जहाज से भारत को क्या खतरा
भारतीय नौसेना के जुड़े सूत्रों ने बताया है कि इस चीनी जासूसी जहाज ने भारतीय स्पेशल इकॉनमिक जोन में प्रवेश नहीं किया है और ना ही किसी अनुसंधान गतिविधि को अंजाम दिया है। भारतीय नौसेना इस चीनी जासूसी जहाज की गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए हुए है। चीनी जासूसी जहाज से भारत के कोलकाता और हल्दिया बंदरगाह से होने वाले समुद्री व्यापार को खतरा हो सकता है। चीन इस इलाके का डेटा इकट्ठा कर अपनी पनडुब्बियों को गश्त के लिए भेज सकता है। पानी के नीचे पनडुब्बियों को डिटेक्ट करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में भारत की चिंता बढ़ सकती है।