उत्तर प्रदेश के अधोध्या जिले के ऋषि सिंह ने आखिरकार अपना सपना साकार कर लिया। उन्होंने इंडियन आइडल सीजन 13 की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इसके लिए उन्हें एक चमचमाती ट्रॉफी, मारुति सुजुकी SUV और 25 लाख रुपये कैश प्राइज दिया गया है। इतना ही नहीं उनको तो सोनी म्यूजिक इंडिया के साथ रिकॉर्डिंग का कॉन्ट्रैक्ट भी मिला है। इस जीत पर उनसे जब पूछा गया कि उन्हें कैसे लग रहा है तो 21 साल के विनर ने बताया कि जब उनके नाम की घोषणा हुई तो वह अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थे। क्योंकि इंडियन आइडल जैसे शो को जीतना उनके लिए बड़ी बात थी। साथ ही इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत भी की थी।
विनर ऋषि सिंह (Indian Idol Season 13 Winner Rishi Singh) ने बताया कि उन्होंने जब वो शो का हिस्सा बने थे तो उनके दिमाग में ये था कि उन्हें आखिरी तक रहना है। शो की शुरुआत में ही मैं सोशल मीडिया पर पॉपुलर हो गया था ऐसे में कॉम्पटीशन और मुश्किल हो गया था। खासकर मेरी को कंटेस्टेंट देबस्मिता रॉय के साथ जो कि फर्स्ट रनर अप हैं। इसलिए मैंने हमेशा यही सोचा कि कोई भी विनर हो सकता है।
प्राइज मनी का क्या करेंगे ऋषि सिंह?
‘ईटाइम्स’ से खास बातचीत में ऋषि सिंह ने बताया कि इस 25 लाख रुपये से उनके कई सपने हैं। वह बताते हैं- मैं अपने म्यूजिक को और बेहतर बनाने के लिए इंटरनेशनल ट्रैवेल करूंगा। एक आर्टिस्ट तो सीखता ही रहता है हमेशा। मैं अब इंटरनेशनल एक्सपोजर चाहता हूं। मैं अब और आगे बढ़ना चाहता हूं और एक दिन इसी शो में बतौर जज बनकर आना चाहता हूं। हालांकि मुझे कई सारे प्लेबैक ऑफर्स मिले हैं इस शो के दौरान जो कि मैं अपने म्यूजिक वीडियो के साथ-साथ करूंगा।
ऋषि सिंह की पढ़ाई-लिखाई
जब ऋषि से पूछा गया कि क्या उनका कोई और सपना है जो वो पूरा करना चाहते हैं तो इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें अरिजीत सिंह से मिलना है। वह उनके बहुत दीवाने हैं। विनर ने आगे अपनी जर्नी के बारे में भी बताया। कहा – मैं अयोध्या में पला-बढ़ा हूं। यहीं की मेरी पैदाइश है। मैंने 12वीं ह्यूमैनिटीज से की है। मुझे साइंस और कॉमर्स नहीं पसंद था। और मेरी प्राथमिकता शुरू से ही म्यूजिक थी। इसलिए मैंने इसी स्ट्रीम को चुना। मैंने अपने सिंगिंग पैशन को पढ़ाई के साथ आगे बढ़ाया।
ऋषि सिंह के पापा ने किया सपोर्ट
ऋषि सिंह ने अपने परिवार के रिएक्शन को भी साझा किया। कहा कि वह सभी अभी शॉक्ड में हैं। परिवारवालों को म्यूजिक के बारे में जरा भी समझ नहीं है। मैं अच्छा गा सकता हूं। मेरी फैमिली में सब बेसुरे हैं और मैं ही सुरवाला हूं। मैंने इस बात का हालांकि पता लगाया था कि कोई मेरे दादा या परदादा गाते हों या उनका म्यूजिक से कोई कनेक्शन हो लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। पापा ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। और उन्होंने ही मुझे इस पैशन को आगे ले जाने के लिए मोटिवेट किया।