नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजारों पर ऑनलाइन सलाह देने वाले ‘फिनफ्लुएंसर्स’ की बढ़ती संख्या के बाद सख्त रुख अपनाया है। सेबी (SEBI) ने निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट के लिए एक नया विज्ञापन कोड जारी किया है। यह कोड उन सभी प्रकार के संचारों पर लागू होता है जो ऐसे सलाहकारों और विश्लेषकों द्वारा या उनकी ओर से जारी किए जाते हैं जो निवेश निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं। सलाहकारों के विज्ञापनों के कोड में पारंपरिक संचार चैनलों के साथ-साथ सभी इलेक्ट्रॉनिक, वायर्ड या वायरलेस कम्यूनिकेशन जैसे ई-मेल, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, रेडियो, टेलीफोन या इंटरनेट पर कोई अन्य रूप शामिल है।
ये चेतावनी करनी होगी शामिल
इस कोड के मुताबिक, विज्ञापन में एक मानक चेतावनी भी शामिल होनी चाहिए, जिसमें कहा गया हो, "प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।’ इसके अलावा, विज्ञापन निवेशकों को सुनिश्चित या जोखिम मुक्त रिटर्न का कोई वादा या गारंटी नहीं देगा।
इस वजह से उठाया कदम
दरअसल सेबी ने भ्रामक विज्ञापनों और दावों पर लगाम लगाने के लिए यह सख्त कदम उठाया है। इन्हीं भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए सेबी ने यह नया कोड जारी किया है। इसी के साथ सेबी ने कुछ शब्दों के इस्तेमाल पर बैन भी लगाया है। इसे लेकर सेबी ने एक सर्कुलर जारी किया है। सेबी ने जिन शब्दों पर बैन लगाया है उनकी लिस्ट जारी की है। इन शब्दों में नंबर 1, सबसे अच्छे मार्केट लीडर्स जैसे कई शब्द शामिल हैं। सेबी के इन कोड का पालन करना अनिवार्य होगा। सेबी ने विज्ञापन को लेकर भी कुछ शर्तें लागू की हैं।
सेबी ने सभी रजिस्टर्ड संस्थाओं को भी यह निर्देश जारी किए हैं। सेबी ने विज्ञापन में सबूत के तौर पर फर्जी यूजर्स के दावे पर भी रोक लगाई है। धारणाओं और अनुमान पर बेस्ड दावों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।