प्रमुख सचिव जनजातीय डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने कहा है कि विभागीय सहायक आयुक्त एवं जिला संयोजक जनजातीय विद्यार्थियों के पालक की तरह होते हैं। उन्हें विद्यार्थियों की सभी जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए। जनजातीय क्षेत्रों में पलायन के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिये विभाग इस वर्ष अपने छात्रावासों को ग्रीष्मकाल में भी विद्यार्थियों के लिए खुला रखेगा। डॉ. गोविल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि छात्रवृत्ति वितरण में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए औरयह तय करें कि कोई भी पात्र विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित न रहे।
प्रमुख सचिव जनजातीय आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी में दो दिवसीय कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित कर रही थी। कार्यशाला में जनजातीय बहुल जिलों के विभागीय अधिकारी और 95 सी.एम. राइज विद्यालयों के प्राचार्य शामिल हुए।
सी.एम. राइज विद्यालय में हो सर्वांगीण शिक्षा : आयुक्त
आयुक्त जनजातीय कार्य श्री संजीव सिंह ने कहा कि सी.एम. राइज विद्यालय एक महत्वकांक्षी योजना है। इसमें विद्यार्थियों की सर्वांगीण शिक्षा को लेकर प्राचार्य गंभीरता से कार्य करें। इन विद्यालयों के विद्यार्थी जब यहाँ से पढ़ कर उच्च शिक्षा के लिए जाएँ तो शैक्षणिक रूप से किसी तरह से पीछे न रहें। उन्होंने सी.एम. राइज विद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता और विभिन्न प्रशासकीय विषयों पर अधिकारियों को निर्देश और मार्गदर्शन दिया।
जनजातीय विकास कार्यों में तेजी लाएँ : सुश्री सोनिया मीना
जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाओं की निदेशक सुश्री सोनिया मीना ने जनजातीय बहुल जिलों की विभिन्न विकास योजनाओं और उनके वित्तीय पहलुओं पर अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने जनजातीय वर्गों से जुड़े विकास कार्यों में प्रशासनिक तेजी लाने के निर्देश दिए।
यूनिसेफ और पिरामल फाउंडेशन के साथ ब्लूप्रिंट पर हुई चर्चा
कार्यशाला में यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञ श्री एफ.ए. जामी और पिरामल फाउंडेशन के मो. सफदर ने शिक्षा गुणवत्ता से जुड़े विषयों पर अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने विभाग के साथ मिल कर भविष्य में किए जाने वाले कार्यों के ब्लूप्रिंट पर विचार-विमर्श किया। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विभाग के साथ मिल कर किए जा सकने वाले नवाचारों में विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर चर्चा की गई। संभागीय उपायुक्त सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।