नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि विदेशी भूमि पर जाकर भारत की तस्वीर को धूमिल करने के प्रयास पर अंकुश लगना चाहिए। धनखड़ प्रसिद्ध समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर उनके सम्मान में डाक टिकट जारी करने के बाद यहां एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
धनखड़ ने कहा, ‘कुछ पीड़ा होती है, जब अपनों में से कुछ लोग विदेशी भूमि पर जाकर उभरते हुए भारत की तस्वीर को धूमिल करने का प्रयास करते हैं। इस पर अंकुश लगना चाहिए… सच्चे मन से भारत और भारतीयता में विश्वास करने वाला व्यक्ति भारत के सुधार की सोचेगा, सुधार में सहयोग करने की सोचेगा…। हो सकता है कि कमियां हों, उन कमियों को दूर करने की सोचेगा पर विदेश में जाकर नुक्ताचीनी करना… विदेश में जाकर संस्थाओं के ऊपर घोर टिप्पणी करना हर मापदंड पर अमर्यादित है।’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने ही सबसे पहले 1876 में स्वराज्य का नारा दिया जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी संस्थाएं कार्यरत हैं जिनका मकसद भारत की बढ़ती गति पर अंकुश लगाना है। उन्होंने कहा, ‘… ऐसे संस्थानों में हमारे उद्योगपति, अरबपति अपना योगदान देते हैं। मैं नहीं कहता कि उनकी नीयत खराब है पर शायद यह बात उनके ध्यान से उतर गई है। करोड़ों के योगदान की वजह से वहां अपने ही कुछ लोग इस प्रकार के कार्यक्रम की रचना करते हैं कि हम भारत को धूमिल कर दें।’
धनखड़ ने कहा कि उन संस्थाओं के अंदर कई देशों के विद्यार्थी और अध्यापक हैं पर यह अनुचित कार्य हमारे ही कुछ लोग क्यों करते हैं, किसी और देश के लोग क्यों नहीं करते हैं…। यह सोच और चिंतन का विषय है।
धनखड़ ने संस्कृत को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया और कहा कि दुनिया में संस्कृत का कोई मुकाबला ही नहीं है… और एक तरीके से यह अनेक भाषाओं की जननी है और हम जननी को मिटने नहीं दे सकते।