डाक्टर मधु वर्मा, जो की भारत की ही नहीं, दुनिया की जानी मानी पर्यावरण अर्थशास्त्री हैं, उनको राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, जो की फारेस्ट, एनवायरनमेंट और क्लाइमेट चेंज मिनिस्ट्री के अन्तर्गत आता है, उसका एक्सपर्ट मेम्बर नियुक्त किया गया है.
डॉ. वर्मा का भारत के १६ टाइगर रिज़र्व की इकोसिस्टम सर्विसेज़ के मूल्याँकन का काम दुनिया में अग्रणी माना जाता है जिसमें उन्होंने टाइगर रिज़र्व्स से लोकल, रीजनल और ग्लोबल ब्रेनफ़िट्स का अध्ययन किया और हमारी प्राकृतिक पूँजी है और इसके संरक्षण में निवेश करने से हैं बहुत लाभ मिलता है.
डॉ. वर्मा भोपाल में २५ साल तक भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भोपाल में प्रोफेसर थीं एवं अभी आयोरा इकोलॉजिकल सोम्यूशंस फर्म, न्यू दिल्ली में सीनियर इकोनॉमिक एडवाइज़र पद पर कार्यरत हैं।
एनटीसीए ने एक पत्र जारी कर यह जानकारी दी की उड़ीसा के रिटायर्ड पीसीसीएफ़, एसएस श्रीवास्तव, राजस्थान वन विभाग के रिटायर्ड सीसीएफ राहुल भटनागर, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल रवि सिंह, जबलपुर के कंसलटेंट पैथोलॉजस्ट डॉ. रूप नारायण सिंह, वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट इफ इंडिया के रिटायर्ड सीनियर प्रोफेसर, डॉ. प्रदीप मालिक , एनटीसीए के पूर्व आईजीएफ़ व डबल्यू लोंगवाह, मध्य प्रदेश के पूर्व एपीसीसीएफ ( वन्यजीव) डॉ. एच एस नेगी, को एक्सपर्ट मेम्बर नियुक किया गया है।
इस बहुत ही महत्वपूर्ण कमेटी की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन द्वारा की जाती है