बैंक कर रहे थे मनमानी
आरबीआई ने कहा कि उसने बैंकों को कर्ज लेने वालों पर जुर्माना लगाने का अधिकार दिया हुआ है, लेकिन इसका दुरुपयोग हो रहा है। वे इसका इस्तेमाल रेवेन्यू ग्रोथ टूल के रूप में किये जा रहे थे। आरबीआई ने ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा, ‘ऐसा देखा गया है कि कई रेगुलेटेड इकाईयां पेनल्टी ब्याज दरें लगाती हैं। ये लागू ब्याज दरों के अलावा होती हैं।’ सर्कुलर में कहा गया, ‘ओरिजनल ब्याज दर के अतिरिक्त पेनल्टी ब्याज दर का इस्तेमाल रेवेन्यू ग्रोथ टूल के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, समीक्षाओं से पता चला है कि दंडात्मक ब्याज लगाने के संबंध में विनियमित संस्थाओं के बीच अलग-अलग नियम हैं। इससे ग्राहकों में शिकायतें और विवाद पैदा हुए हैं।’
ब्याज दर के रूप में नहीं लगेगा जुर्माना
आरबीआई ने प्रस्ताव दिया है कि अब डिफॉल्ट होने पर जुर्माना पेनल्टी ब्याज दर के रूप में नहीं वसूला जाएगा। सर्कुलर में कहा गया कि लोन पर ब्याज दरों के रिसेट करने की शर्तों सहित ब्याज दरों के निर्धारण पर नियामकीय निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। साथ ही संस्थाएं ब्याज दर के लिए कोई अतिरिक्त कंपोनेंट पेश नहीं करेंगी।
कर्ज लेने वालों को राहत
सर्कुलर में कहा गया कि पेनल्टी चार्जेज का कोई पूंजीकरण नहीं होगा यानी ऐसे शुल्कों पर आगे कोई ब्याज नहीं लगाया जाएगा। अभी तक कर्ज लेने वालों को जुर्माने के पैसे पर भी ब्याज चुकाना होता है।