नई दिल्ली : भारत में घी, मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों का आयात (Import of Dairy Products) नहीं किया जाएगा। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि देश में मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों का आयात नहीं होगा। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश में डेयरी उत्पादों की किल्लत नहीं है। इनका आयात नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में दूध की कमी नहीं है और सरकार इस ओर नजर बनाए हुए है। डेयरी मंत्री ने कहा कि मांग बढ़ गई है। हमारे यहां अप्रयुक्त क्षेत्र बहुत बड़ा है, जिसका लाभ उठाने का प्रयास किया जाएगा। हम उचित प्रबंध करेंगे, चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने किसानों और उपभोक्ताओं को बेफिक्र रहने को कहा। डेयरी उत्पादों के खुदरा मूल्य में बढ़ोतरी के बारे में उन्होंने कहा कि दामों को लेकर भी चिंता नहीं की जानी चाहिए और किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं।
इसलिए बढ़ रहे दूध के दाम
दूध की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के घर का बजट प्रभावित कर दिया है। खाने-पीने की चीजों में दूध दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोडक्ट है। पिछले एक साल के दौरान दूध की रिटेल कीमत में 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह 57.15 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। अब अहम सवाल यह है कि दूध की कीमत में बढ़ोतरी की वजह क्या है, क्या इसकी बढ़ोतरी कीमत पर लगाम लगेगा ? एक्सपर्ट का मानना है कि दूध के उत्पादन में 65 फीसदी से ज्यादा का खर्च चारे पर ही होता है। चारे की बढ़ती कीमतों का असर सीधा दूध के दाम पर पड़ रहा है। चारे की कीमत 8 रुपये से बढ़कर 20 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।
लम्पी से 1,85,000 गायों और भैंसों के मारे जाने का अनुमान
लम्पी त्वचा रोग ने पिछले साल महामारी का रूप धारण कर लिया और आठ राज्यों में लगभग 1,85,000 गायों और भैंसों के मारे जाने का अनुमान है। इससे दूध के उत्पादन पर भी असर पड़ा है। इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट्स का बढ़ता निर्यात भी एक अहम कारण है। भारत ने 2021-22 में लगभग 391.59 मिलियन डॉलर के डेयरी उत्पादों का निर्यात किया, जबकि इससे पहले के वर्ष में यह 321.96 मिलियन डॉलर था। बढ़ती महंगाई के साथ लेबर कास्ट भी बढ़ गई है। एक्सपर्ट के अनुसार गर्मियों के बढ़ने के साथ ही दूध उत्पादन में कमी आती है और खपत में इजाफा होता है।ऐसे में फिलहाल दूध की कीमतों में राहत की संभावना कम है।
FTA में किसानों के हितों की रक्षा होगी : गोयल
कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने साफ तौर से कहा है कि यूरोपीय संघ (EU) के साथ प्रस्तावित फ्री ट्रेड अग्रीमेंट (FTA) में भारत के किसानों और डेयरी सेक्टर के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी। गोयल ने यह बयान इटली (रोम) में दिया है। वह व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा देने के तरीके खोजने और इस विषय में निजी क्षेत्र तथा नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए इटली के आधिकारिक दौरे पर हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ व्यापार समझौते के लिए वार्ता का शीघ्र समापन हो सके इसके लिए इटली और फ्रांस ने पूर्ण समर्थन की पेशकश की है। यूरोपीय संघ के व्यापारियों को भारत जिस प्रकार के कारोबारी अवसर दे सकता है वह दुनिया में कोई और नहीं दे सकता।
ईयू के साथ होगा FTA
उन्होंने कहा, ‘हम किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए ईयू के साथ FTA करेंगे। हम किसानों और डेयरी क्षेत्र के हितों की रक्षा करेंगे। हमने यूएई तथा ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौतों में भी ऐसा ही किया है।’ भारत और यूरोपीय संघ के मुख्य वार्ताकार पांचवें दौर की वार्ता के लिए 19-23 जून तक नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे।