भक्तों की मुराद होती है पूरी
तिरुपति बालाजी का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है जो स्वयं भगवान विष्णु हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्री वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर के सामने प्रार्थना करते हैं, उनकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। भक्त अपनी श्रद्धा के मुताबिक, यहां आकर तिरुपति मंदिर में अपने बाल दान करते हैं। इस अलौकिक और चमत्कारिक मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं।
श्रद्धा का फायदा उठाते हैं ठग
भक्तों की श्रद्धा का फायदा उठाने के लिए ठग तरह तरह के तरीके ढूंढते हैं। इन्हीं में मंदिर की फर्जी वेबसाइट बना कर भक्तों से पैसे लेना भी शामिल है। अभी श्री वेंकटेश्वर मंदिर के मामलों का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने एक और फर्जी वेबसाइट की पहचान की है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। टीटीडी की आईटी विंग की शिकायत पर तिरुमाला 1 टाउन पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420, 468 और 471 के तहत केस दर्ज किया गया है।
40 वेबसाइटों के खिलाफ पहले ही हो चुका है मामला दर्ज
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम अब तक 40 फर्जी वेबसाइटों के खिलाफ मामले दर्ज करा चुकी है। अभी जो मामला दर्ज कराया गया है, वह 41वां है। इसी शिकायत के आधार पर आंध्र प्रदेश फॉरेंसिक साइबर सेल भी फर्जी वेबसाइट की जांच के लिए हरकत में आ गई है। बताया जाता है कि नकली वेबसाइट को बदमाशों ने थोड़ा बहुत हेरफेर कर लगभग टीटीडी की आधिकारिक वेबसाइट की तरह ही विकसित किया था।
फर्जी वेबसाइटों के झांसे में नहीं आएं
टीटीडी ने श्रद्धालुओं को आगाह किया है कि वे ऐसी फर्जी वेबसाइटों के झांसे में न आएं। साथ ही भक्तों से अनुरोध किया है कि वे टीटीडी की आधिकारिक वेबसाइट के यूआरएल पते को नोट कर लें और ऑनलाइन टिकट बुक करने से पहले सही वेबसाइट की पुष्टि करने में सावधानी बरतें। भक्त टीटीडी के आधिकारिक मोबाइल ऐप – टीटीदेवास्थानम – से भी टिकट बुक कर सकते हैं।
क्यों निशाना बनाते हैं ठग
आपके मन में भी यह सवाल उठता होगा कि ठग तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर के प्राचीन ‘पहाड़ी मंदिर’ मंदिर की फर्जी वेबसाइट क्यों बनाते हैं? दरअसल, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पास 2.5 लाख करोड़ रुपये (करीब 30 अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा की संपत्ति है। टीटीडी दिनों दिन अमीर और समृद्ध होता जा रहा है, क्योंकि पहाड़ी मंदिर में भक्तों के द्वारा दान में नकदी और सोना देना जारी है। ढेर सारे भक्त ऐसे भी होते हैं जो मंदिर पहुंच कर दान नहीं दे सकते तो वे वेबसाइट पर भी दान दे देते हैं। ठगों की नजर ऐसे ही श्रद्धालुओं पर होती है।