रायगढ़ । जीवनदायिनी केलो नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने ‘केलो है तो कल है’ के संकल्प को सिद्ध करने जिला स्तरीय मुहिम शुरुआत की है।
इसमें केलो नदी के उद्गम पहाड़ लुडेग से महानदी में विलय तक पडऩे वाले नदी मार्ग और तटवर्ती 43 गांव अभियान में शामिल है।
अभियान में नदी तट की सफाई के साथ ही नरवा संवर्धन के तहत विभिन्न कार्य भी किए जायेंगे।
तमनार विकासखंड के ग्राम कसडोल में विधायक लैलूंगा चक्रधर सिंह सिदार, कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत अबिनाश मिश्रा व डीएफओ स्टायलो मंडावी की मौजूदगी में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर विधायक लैलूंगा चक्रधर सिंह सिदार ने कहा की केलो नदी रायगढ़ जिले की जीवन रेखा है इसको सहेजने और सवारने के प्रयास कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है वह अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि इस प्रयास में अधिक से अधिक अपना सहयोग दें।
कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि केलो नदी सैकड़ों वर्षो से इसके किनारे रहने वाले लोगों का जीवन संवार रही है। आज केलो से पूरे जिले को पेयजल व सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति होती है।
केलो की यह समृद्ध विरासत इसी स्वरूप में अगली पीढ़ी को सौंपना लक्ष्य है। इस क्रम में जिला प्रशासन द्वारा केलो संरक्षण महा अभियान की शुरूआत की गई है। इसके तहत नदी के उद्गम से महानदी के विलय तक नदी के मार्ग को प्रशस्त करने का कार्य किया जाएगा।
इसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ जनभागीदारी भी होगी। इसके लिए प्रशासन के विभिन्न विभाग संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाकर काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य है कि प्राकृतिक जल को व्यर्थ बहने से रोका जाए तथा रूके हुए जल को भूमिगत किया जाए।
इसके लिए जिला पंचायत के नरवा शाखा के साथ ग्रामीण यांत्रिकी, सिंचाई व वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्य किया जाएगा। नदी के तटीय इलाकों में वृहत वृक्षारोपण भी होगा।