इस्लामाबाद: पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध लड़ने की ताकत नहीं रखता। पत्रकारों को सामने इस बात को पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा भी मान चुके हैं। इस बात का खुलासा पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने किया था। अब इमरान खान ने हामिद मीर के इस दावे का परोक्ष रूप से समर्थन किया है। इमरान खान ने कहा कि वह इससे भी ज्यादा बहुत कुछ जानते हैं। पिछले सप्ताह हामिद मीर ने एक टीवी शो के दौरान बाजवा की पत्रकारों से हुई ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत को सामने रखा।
बाजवा ने 20-25 पत्रकारों के साथ भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर बात की थी। अब इस बात के खुलासे से पाकिस्तान में बवाल मच गया है। इमरान खान जो अपनी सरकार गिराने के लिए बाजवा को जिम्मेदार मानते हैं वह भी हमलावर हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इससे भी कहीं ज्यादा जानता हूं, लेकिन यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है।’ इमरान खान ने यह बातें तब कहीं, जब वह राजद्रोह के मामले में इस्लामाबाद जमानत लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि ये एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बने और पाकिस्तान इसे झेले।’
पाकिस्तानी सेना का क्या रहा रिएक्शन
पाकिस्तान सेना ने युद्धक तैयारियों और देश के सामने भविष्य के खतरों पर अपने पूर्व प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा के बयान के हवाले से मीडिया में आयी खबरों को शुक्रवार को खारिज किया और कहा कि उनकी अनाधिकारिक रूप से की गयी टिप्पणियों को ‘संदर्भ से काटकर पेश किया गया।’ सेना की मीडिया इकाई ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ ने हाल में एक टीवी कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के खुलासे के बाद एक बयान जारी किया। मीर ने दावा किया कि बाजवा ने 2021 में 20-25 पत्रकारों के साथ एक बैठक में कहा था कि ‘पाकिस्तान सेना युद्ध करने के लिए सक्षम नहीं है।’
क्या बोले थे बाजवा
‘जियो न्यूज’ के अनुसार, मीर ने टीवी कार्यक्रम में खुलासा किया कि बाजवा ने बैठक में कहा था कि पाकिस्तान, भारत के साथ युद्ध करने की स्थिति में नहीं है। इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान सेना ने कहा, ‘हाल में पाकिस्तानी सेना के शस्त्रागार में कुछ हथियार प्रणालियों की स्थिति के मद्देनजर उसकी युद्धक क्षमता पर मीडिया में चर्चा हुई है।’ उसने कहा, ‘इसके संबंध में पाकिस्तान के भविष्य के खतरों पर पूर्व सेना प्रमुख के विचार संदर्भ से काटकर पेश किए गए हैं, जिसके बारे में उन्होंने मीडियाकर्मियों से एक अनौपचारिक वार्ता में बातचीत की थी।’ बाजवा लगातार दो बार पाकिस्तान के सेना प्रमुख के पद पर सेवा देने के बाद पिछले साल नवंबर में सेवानिवृत्त हो गए थे।