नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को नागरिकों तक पहुंच के लिए अदालतों की कार्यवाही के सीधे प्रसारण (लाइव-स्ट्रीमिंग) के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि उच्च न्यायालयों की जिम्मेदारी है कि इस संबंध में केंद्र की ओर से जारी धन का लाभकारी तरीके से उपयोग हो। अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग को न्यायिक व्यवस्था का स्थायी हिस्सा बनाने की वकालत करते हुए प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र की तरफ से करीब 2,000 करोड़ रुपये के आवंटन की पहली किश्त जून में जारी की जा सकती है।
सीजेआई ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि हम हमारी कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग कर नागरिकों तक पहुंच बनाएं और मुझे बिल्कुल संदेह नहीं है कि यह अब मिशन है जो केवल आपके मौजूदा प्रधान न्यायाधीश की व्यक्तिगत प्राथमिकता तक सीमित नहीं है जो प्रौद्योगिकी के हिमायती हैं, बल्कि यह ऐसी चीज है जिसे हम हमारी न्यायिक प्रणाली के स्थायी भाग के रूप में शामिल करेंगे।’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘केंद्र सरकार हमें धन प्रदान करने में बहुत उदार रही है। अब चुनौती उच्च न्यायालय के सामने है कि धन का कारगर तरीके से इस्तेमाल हो। हम करीब 2,000 करोड़ रुपये का पहला हिस्सा जून में जारी होने की उम्मीद कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ”हमारे पास इस धन को खर्च करने के लिए चालू वित्त वर्ष के करीब नौ महीने होंगे।’ प्रधान न्यायाधीश दिल्ली उच्च न्यायालय की ‘ई-प्रिजन’ प्लेटफॉर्म पर दो आईटी परियोजनाओं के डिजिटल उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
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