नई दिल्ली: भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में बड़ा युद्धाभ्यास किया है। बॉर्डर पर महाविनाशक तोप गरज रहे हैं। सेना की पूर्वी कमान युद्ध की अपनी क्षमताओं का टेस्ट कर रही है। किसी भी परिस्थिति में बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने की तैयारी को परखा जा रहा है। ऐसे समय में जब तीन साल से बॉर्डर पर चीन के साथ माहौल तनावपूर्ण चल रहा हो, सेना का यह ऑपरेशन महत्वपूर्ण हो जाता है। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अरुणाचल प्रदेश के तवांग और वेस्ट कामेंग जिलों में सेना ‘बुलंद भारत’ नाम से ट्रेनिंग एक्सरसाइज कर रही है। ऊंचाई वाले इलाकों पर सर्विलांस और अटैक क्षमता के टेस्ट के साथ सेना ने 155mm बोफोर्स होवित्जर, 105mm फील्ड गन और 120mm मोर्टार का इस्तेमाल किया है। सूत्रों ने TOI को बताया कि इसके अलावा कई भारी भरकम हथियार सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है।
पिछले 3-4 वर्षों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय क्षेत्र में कई बार घुसपैठ की कोशिश की है। पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत की सेनाएं आमने सामने हैं। दोनों तरफ से बड़ी संख्या में सैनिकों और बड़े हथियारों की तैनाती की गई है। इसके चलते पूरी LAC पर बड़े और मॉडर्न तोप तैनात किए गए हैं। इसमें पुरानी 105mm फील्ड गन और बोफोर्स, धनुष और सारंग गन, पिनाक और स्मर्च मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम, नई M-777 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर और के-9 वज्र गन शामिल हैं।
चीन भी सिक्किम-अरुणाचल प्रदेश बॉर्डर पर दुस्साहस से बाज नहीं आ रहा है। 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। TOI ने पहले ही जानकारी दी थी कि सेना और वायुसेना पूर्वी सेक्टर में युद्ध की अपनी तैयारियों को परखने के लिए ताबड़तोड़ कई युद्धाभ्यास कर रही है।
सूत्रों ने बताया है कि बुलंद भारत युद्धाभ्यास में सर्विलांस के साथ तोप और सैनिकों के हमले की क्षमताओं का स्पेशल फोर्स, वायुसेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ समन्वय का टेस्ट हुआ है। इसके तहत तय किए गए टारगेट को ध्वस्त करने के लिए रेडार की मदद से तोप का इस्तेमाल किया गया। एक महीने तक ऊंचाई वाले क्षेत्रों और एक्स्ट्रीम मौसम वाले हालात में ट्रेनिंग के बाद सैनिकों और उपकरणों का युद्ध की तरह के हालात मानकर अभ्यास किया गया।
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