नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज यानी 12 मई को अडानी-हिंडनबर्ग विवाद (Adani Hindenburg Case) पर सुनवाई होगी। कोर्ट इस विवाद पर दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को अडानी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियां 80 फीसदी ओवरवैल्यूड हैं। साथ ही आरोप लगाया गया था कि ग्रुप हेरफेर करके शेयरों के दाम बढ़ाता है। इससे पहले कोर्ट ने सेबी को आदेश दिया था कि वह अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच करे। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जज अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में आम निवेशकों के हितों की रक्षा पर सुझाव मांगा था। जस्टिस सप्रे कमेटी ने मंगलवार को सीलबंद लिफाफे मे स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बनाया था 6 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद भारी हंगामा मच गया था। अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गिरते रहे। वहीं, सड़क से संसद तक अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर हंगामा शुरू हो गया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप पर जांच के लिए एक 6 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का गठन किया था। समिति को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया। कोर्ट के आदेश के बाद पैनल ने 8 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद कवर में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
आज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सामने पेश होगी रिपोर्ट
आज रिपोर्ट को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सामने पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि अडानी मामले में जांच कर रही सेबी ने अतिरिक्त समय की मांग की है। 29 अप्रैल को सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय मांगा है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात रखते हुए जांच को पूरा करने के लिए 6 महीने और वक्त लेने की मांग की है।
सेबी ने मांगा था 6 महीने का समय
सेबी ने अदालत से 6 महीने का समय बढाने की मांग की है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से दो महीने के भीतर ही जांच पूरी करने को कहा था। सेबी की ओर से 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगे जाने का विरोध भी हुआ था। सेबी के 6 महीने की मोहलत मांगने के विरोध में याचिका दाखिल की गई। याचिका में कहा गया कि जांच के लिए अतिरिक्त समय देने से कंपनी महत्वपूर्ण आकड़ों और फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। गौरतलब है कि कोर्ट ने पैनल और सेबी दोनों को दो महीने का वक्त दिया था।
ये हैं पैनल में शामिल
अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे, पूर्व बैंकर केवी कामथ और ओपी भट्ट के अलावा इंफोसिस के को—फाउंडीर नंदन नीलेकणि, सिक्योरिटी लॉयर सोमशेखर सुंदरसन और रिटायर्ड जज जेपी देवधर शामिल हैं।