इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर के जमान पार्क स्थित अपने घर पहुंच चुके हैं। पिछले मंगलवार को उन्हें इस्लामाबाद हाईकोर्ट के परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद देशभर में भारी हिंसा हुई थी। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध करार दिया था। शुक्रवार को अल-कादिर भ्रष्टाचार केस में जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान को बड़ी राहत दे दी। कोर्ट ने कहा कि उन्हें 17 मई तक किसी भी नए मामले में गिरफ्तार न किया जाए। इमरान के स्वागत के लिए उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमान पार्क में इकट्ठा हुई थी।
इस्लामाबाद से लाहौर के रास्ते में इमरान खान ने दावा किया कि इस्लामाबाद पुलिस के आईजी ने उन्हें लाहौर जाने से रोकने की कोई कोशिशें कीं। इमरान बोले, ‘उन्होंने तीन घंटे तक यह कहकर मुझे इंतजार करवाया कि बाहर जाना बेहद जोखिमभरा है।’ इमरान ने कहा, ‘जब हमने उनसे कहा कि हम अपने अपहरण और जबरन हिरासत के बारे में पूरे पाकिस्तान को बताएंगे, तब दबाव में उन्होंने आखिरकार हमें जाने की इजाजत दे दी।’ उन्होंने कहा, ‘बाहर आने के बाद हमने देखा कि कथित खतरा न के बराबर था।’
आईबी ने दी हिंसा की चेतावनी
इससे पहले पाकिस्तान के खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त और इस्लामाबाद पुलिस के महानिरीक्षक को पत्र लिखकर इमरान खान की रिहाई की स्थिति में पुलिस लाइंस समेत सभी सरकारी इमारतों और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करने की अपील की थी। मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात कही गई है। एजेंसी ने दो अलग-अलग पत्र जारी किए थे। एक पत्र में उसने उस परिसर को सुरक्षित करने की सिफारिश की थी जहां इमरान खान को रखा गया था, साथ ही आस-पास की इमारतों को भी ताकि उपद्रवियों की ओर से हमलों के संभावित खतरे की स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ाई जाए
आईबी के पत्र के अनुसार, पूर्व पाक पीएम की रिहाई से संस्थानों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया संभव है, जिससे नागरिकों के जीवन और संपत्ति को खतरा हो सकता है। इसलिए, स्थिति का मुकाबला करने के लिए पुलिस लाइन सहित सरकारी भवनों और संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। जियो न्यूज के अनुसार, पत्र में लिखा है स्थिति की मांग है कि उपद्रवियों की महत्वाकांक्षाओं को विफल करने के लिए सुरक्षा उपाय किए जाएं। पत्र में चेतावनी दी गई कि अगर इमरान खान को रिहा किया जाता है तो संस्थानों के खिलाफ भीड़ की प्रतिक्रिया तेज हो सकती है, जिससे निर्दोष जान-माल का संभावित नुकसान हो सकता है।