नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी समूह (Adani Group) को जो जख्म दिया वो अब तक भरता नहीं दिख रहा है। अडानी समूह के भारी भरकम कर्ज पर सवाल उठाने वाले हिंडनबर्ग (Hindenburg) के खुलासे के बाद निवेशकों का भरोसा अडानी समूह पर से हिला हुआ है। अडानी समूह के कर्ज को दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस ने सवाल उठाया है। एक इंटरव्यू के दौरान मोबियस कैपिटल पार्टनर्स के फाउंडर (Mobius Capital Partners) मार्क मोबियस ने अडानी के कर्ज पर सवाल उठाते हुए कंपनी में निवेश करने से इंकार कर दिया है।
अडानी के कर्ज पर सवाल
इंटरव्यू के दौरान मार्क मोबियस (Mark Mobius ) ने कहा कि बाजार निवेशकों को भारत से काफी उम्मीदें हैं। मोबियस कैपिटल के लिए भारत बड़ा बाजार है। उनकी फर्म भारत अपने निवेश को बढ़ाने की योजना बना रही है, लेकिन वो फिलहाल अडानी समूह में निवेश नहीं करेंगे। मार्क ने कहा कि उनके निवेश पोर्टफोलियो में भारत दो सबसे बड़े बाजारों में से एक है। जहां तक अडानी समूह में निवेश का सवाल है, वो फिलहाल उससे दूरी बनाकर रखेंगे। अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के शेयरों में निवेश करने से उन्होंने इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने कर्ज के चलते अडानी (Adani) समूह की कंपनियों में निवेश से दूरी बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अडानी समूह पर बहुत कर्ज है और हम ज्यादा कर्ज वाली कंपनियों में निवेश नहीं करना चाहते । इसी कारण के साथ उन्होंने अडानी की कंपनियों से दूरी बनाने का फैसला किया है। इससे पहले फरवरी में भी उन्होंने इसी तरह की बात कही थी।
उन्होंने अमेरिका के बैंकिंग संकट पर भी अपनी राय रखी और कहा कि अमेरिका की इकोनॉमी मंदी की ओर बढ़ती जा रही है। प्राइम लेंडिंग रेट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि उभरते बाजारों ने हाल के दिनों में अमेरिकी बाजार से काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। चीन के अलावा भारतीय बाजारों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत सरकार लगातार सुधार प्रक्रिया पर फोकस कर रही है, जो भारत की ओर निवेशकों को खींचने का काम कर रहा है।