नई दिल्ली: सभी इनवेस्टर्स और मार्केट पार्टिसिपेंट्स ध्यान दें। भारतीय स्टॉक मार्केट यानी दलाल स्ट्रीट सातवें आसमान पर है। फाइनेंशियल वर्ल्ड में आ रही कुछ शानदार खबरों के कारण बाजार में तेजी दिख रही है। अप्रैल में देश में खुदरा महंगाई 4.7 फीसदी पर आ गई जो इसका 18 महीने का न्यूनतम स्तर है। जी हां आपने सही सुना है। महंगाई में भारी गिरावट आई है। सबसे ज्यादा उत्साहित करने वाली बात यह है कि आरबीआई की छह फीसदी की ऊपरी सीमा से कम है। आरबीआई देश का केंद्रीय बैंक है और देश की मॉनीटरी पॉलिसी को रेगुलेट करने की जिम्मेदारी उसी के पास है। आरबीआई की देश में महंगाई की स्थिति पर करीबी नजर है। उसने महंगाई को तो फीसदी के मार्जिन के साथ चार फीसदी के नीचे रखने का टारगेट सेट किया है। इसका मतलब यह है कि अगर महंगाई दो से छह फीसदी के बीच रहती है तो यह आरबीआई की टॉलरेंस लिमिट के भीतर है।
कहावत है कि जब बारिश होती है तो जमकर होती है। सोमवार को यह कहावत सच साबित हो गई। महंगाई घटने के साथ ही हिकल के शेयरहोल्डर्स को अच्छी न्यूज सुनने को मिली। कंपनी ने यूएस एफडीए ऑडिट में जीरो ऑब्जरवेशन की घोषणा की है। कंपनी का शेयर सोमवार को शुरुआती कारोबार में तीन फीसदी से अधिक उछल गया। इस दौरान करीब छह लाख शेयरों की खरीद फरोख्त हुई। यह इसके दस दिन और 30 दिन के एवरेज वॉल्यूम से ज्यादा है। कंपनी की एक घोषणा की वजह से उसके शेयरों में तेजी आई। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडिमिनिस्ट्रेशन ने हाल में कंपनी के पनोली (गुजरात) स्थित फैसिलिटी का दौरा किया था। पांच दिन चले इस इंस्पेक्शन के बाद अमेरिकी एजेंसी ने जीरो 483 ऑब्जरवेशन दिया।
कंपनी की पनोली फैसिलिटी के पहले भी दो बार ऑडिट किया जा चुका है और इसे एडवांस्ड इंटरमीडिएट्स और अहम स्टार्टिंग मटीरियल्स बनाने के लिए मंजूरी मिल गई है। कंपनी के प्रेजिडेंट (फार्मास्यूटिकल्स) मनोज मेहरोत्रा ने कहा कि हिकल एपीआई और इंटरमीडिएटरीज बनाने वाली जानी मानी कंपनी है और यह अप्रूवल हमारी डाइवर्सिफिकेशन स्ट्रैटजी की अनुरूप है। इससे हमें अपने ग्लोबल कस्टमर बेस को सर्व करने के लिए अतिरिक्त एपीआई साइट मिलेगी।
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