नई दिल्ली: देश में अब तक 15 वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेनें शुरू की जा चुकी हैं। मगर कई राज्यों को वंदे भारत एक्सप्रेस नसीब नहीं हुई है। अब जल्दी ही उनका इंतजार खत्म होने वाला है। ओडिशा, गोवा, असम, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड को जल्दी ही वंदे भारत ट्रेन का तोहफा मिल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 18 मई को ओडिशा की पहली वंदे भारत ट्रेन का तोहफा दे सकती है। यह ट्रेन ओडिशा की धार्मिक नगरी पुरी से पश्चिम बंगाल के हावड़ा के बीच चलेगी। यह देश की 16वीं, पश्चिम बंगाल की दूसरी और ओडिशा की पहली वंदे भारत ट्रेन होगी। रेलवे सूत्रों के मुताबिक पूर्वोत्तर और उत्तराखंड को भी इसी महीने पहली वंदे भारत ट्रेन मिल सकती है जबकि गोवा और बिहार-झारखंड को अगले महीने यानी जून में इस सेमी हाई-स्पीड ट्रेन का तोहफा मिल सकता है।
सूत्रों की मानें तो असम के गुवाहाटी से पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईपुड़ी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को 25-26 मई को हरी झंडी दिखाई जा सकती है। यह पूर्वोत्तर की पहली वंदे भारत ट्रेन होगी। इसी तरह दिल्ली से देहरादून के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस इस महीने के अंतिम हफ्ते में चल सकती है। बिहार और झारखंड के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को भी जल्दी ही हरी झंडी मिल सकती है। यह पटना से रांची के बीच चल सकती है। इसी तरह मुंबई और गोवा के बीच अगले महीने वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जा सकती है। यह गोवा की पहली वंदे भारत ट्रेन होगी जबकि मुंबई से पहले से ही तीन वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं।
प्रॉडक्शन में तेजी
रेल मंत्रालय ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का प्रॉडक्शन और डिलीवरी बढ़ा दी है। अप्रैल में पांच वंदे भारत ट्रेन चलाई गई थी। माना जा रहा है कि जून के अंत तक कम से कम पांच वंदे भारत ट्रेनों को शुरू किया जा सकता है। मंगलवार को मुंबई-गोवा वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल भी शुरू हो गया। इस रूट पर पहले से कई ट्रेनें चल रही हैं। इनका समय आठ से नौ घंटे है। माना जा रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस के चलने से ट्रैवल टाइम में कमी आएगी। वंदे भारत एक्सप्रेस 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है लेकिन रेलवे बोर्ड ने इसे 160 किमी की स्पीड तक चलाने की अनुमति दी है।