प्योंगयांग: उत्तर कोरिया के युवाओं को अब तानाशाह किम जोंग उन को ‘आदरणीय पिता’ के तौर पर संबोधित करना होगा। हालांकि इस आदेश का देश के कुछ युवा खासा विरोध कर रहे हैं। कुछ उत्तर कोरियाई युवा मानते हैं कि किम इतने सम्मानित भी नहीं हैं कि उन्हें पिता कहा जाए। किम के पिता किम जोंग इल और दादा किम इल सुंग को भी ‘आदरणीय पिता’ कहकर संबोधित किया जाता है। रेडियो फ्री एशिया के अनुसार, 38 साल के किम जोंग अपने पिता किम जोंग इल और दादा किम इल सुंग की तरह अपने अधिकार को कानूनी वैधता दिलाते हुए दिख रहे हैं।
38 साल के किम जोंग उन
देश के उत्तर-पूर्वी प्रांत उत्तरी हामग्योंग के एक निवासी ने रेडियो फ्री एशिया को बताया, ‘अब तक अधिकारी मीडिया में कहते रहे हैं कि लोगों दिल ही दिल तानाशाह की तारीफ करते हैं और उनकी हर बात का पालन वैसे ही करते हैं जैसे वे अपने पिता की आज्ञा मान रहे हों।’ किम जोंग उन के करीबी सूत्रों की मानें तो इस महीने के शैक्षिक भाषण के अनुसार, 14 से 35 साल के युवाओं को अब 38 साल के किम जोंग उन को अपना पिता कहना होगा। उत्तर कोरिया के युवाओं की मानें तो सिर्फ 38 साल के शख्स को ‘पिता’ कहना कई लोगों को सही नहीं लग रहा है।
किम के दादा और पिता
कई लोग मानते हैं कि किम अभी भी अपने पूर्वजों की तुलना में बहुत छोटे और अनुभवहीन है। ऐसे में उन्हें पिता कहना सही नहीं होगा। उत्तर कोरिया के संस्थापक और किम के दादा किम जोंग इल सुंग ने सन् 1976 में 55 साल की उम्र में इस उपाधि का इस्तेमाल करना शुरू किया था। हालांकि सबसे कम उम्र के उत्तर कोरियाई लोगों ने उन्हें ‘दादाजी’ कहा। इस बीच, किम जोंग II ने उपाधि का उपयोग केवल तब किया जब वह साल 2011 में 53 वर्ष के हो गए। इसी साल उनका निधन हो गया था।
रियांगगांग के उत्तरी प्रांत के एक और निवासी ने कहा, "मीडिया उन्हें एक निडर देशभक्त और जोशीले नेता के तौर पर बताया जाता है और उनकी तारीफ की जाती है। मीडिया के मुताबिक वह एक ऐसा नेता हैं जो उत्तर कोरिया की गरिमा और शक्ति को दुनिया में फैला रहा हैं, अब उन्हें पिता के तौर पर संबोधित किया जाएगा।’ देश के कई लोग मानते हैं कि युवाओं में अब नाराजगी बढ़ रही है।