IPL में भी खूब अजब-गजब खेल देखने को मिलता है। नेशनल टीम की तरह यहां प्लेयर्स के लिए सिलेक्शन कमिटी नहीं होती। यहां हायर-फायर सीजन दर सीजन तो चलता ही है, लेकिन इस बीच बहुत कुछ ऐसा हो जाता है अपने आप में चर्चा का विषय होता है। कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिन्हें नेशनल टीम में तो जगह नहीं मिलती, लेकिन वह अपनी फ्रेंचाइजी के लिए सुपर स्टार होते हैं। दूसरी ओर, कुछ ऐसे खिलाड़ी होते हैं जो नेशनल टीम में तो होते हैं, लेकिन आईपीएल टीम में उन्हें कोई पूछता तक नहीं।
दरअसल, यह सबकुछ उनके प्रदर्शन के आधार पर तय किया जाता है। अगर वे अच्छा करते हैं तो मौके मिलते हैं। खराब प्रदर्शन पर बाहर कर दिए जाते हैं। यहां अर्श से फर्श का सफर बड़े कम समय में तय होता है। नेशनल टीम में जगह बनाने के लिए लंबे समय से जूझ रहे क्रुणाल पंड्या और नीतीश राणा टीम की जरूरत पर खतरे उतरे हैं तो उन्हें कप्तानी का जिम्मा मिलता है। कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जो प्रभाव नहीं छोड़ पाने की वजह से हाशिए पर चले जाते हैं।
जयदेव उनादकत
उनादकत ने बांग्लादेश दौरे पर टीम इंडिया की टेस्ट टीम में वापसी की। दशक बाद इंटरनेशनल टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने अच्छा प्रदर्शन भी किया। इसके बाद उन्होंने रणजी ट्रॉफी में गजब की परफॉर्मेंस देते हुए टीम को चैंपियन बनाया। कभी सबसे महंगे खिलाड़ियों में शामिल रहे जयदेव को आईपीएल 2023 में लखनऊ सुपर जायंट्स ने बेस प्राइस 50 लाख रुपये में खरीदा। लखनऊ ने 3 मैच में खिलाए भी, लेकिन उनादकत एक भी विकेट नहीं झटके सके तो उन्हें बाहर बिठा दिया गया।
उमेश यादव
उमेश यादव ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद आईपीएल खेलने आए में आए। कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए उन्होंने 8 मैच खेले, लेकिन एक ही विकेट ले सके। इस दौरान 114 गेंदों में 189 रन खर्च किए। 26 अप्रैल को आरसीबी के खिलाफ मैच के बाद नीतीश राणा की कप्तानी वाली टीम ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
शार्दुल ठाकुर
श्रेयस अय्यर के चोटिल होने के बाद फैंस के बीच लॉर्ड कहे जाने वाले शार्दुल ठाकुर केकेआर के कप्तान के रूप में देखे जा रहे थे। हालांकि, यह जिम्मेदारी नीतीश राणा को मिली। एक मैच में बैंगलोर के खिलाफ 29 गेंदों में 68 रन को छोड़ दिया जाए तो वह बल्ले से कमाल नहीं कर सके हैं, जबकि 5 विकेट झटके हैं। उन्होंने 10 मैच खेले हैं, लेकिन इस दौरान वह अंदर-बाहर होते रहे।