आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी की स्मृति में चित्रकूट में हुई श्रद्धांजलि सभा, भावपूर्ण किया गया स्मरण
श्रद्धांजलि सभा में संघ और विविध संगठनों के सैकड़ों लोगों ने किये श्रद्धा सुमन अर्पित
चित्रकूट/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह सरकार्यवाह और अभाविप के 22 वर्षों तक राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे मदन दास देवी की पावन स्मृति में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा चित्रकूट के विवेकानन्द सभागार में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कहा कि मदनदास जी हमेशा कार्यकर्ताओं से संवाद एवं उनके प्रशिक्षण पर जोर देते थे।
दीनदयाल शोध संस्थान के संरक्षक एवं मार्गदर्शक रहे मदन दास जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित सभा में संघ और विविध संगठनों के लोगों ने अपने संस्मरण सुनाए।
आरएसएस के अखिल भारतीय अधिकारी और डीआरआई के पालक अधिकारी श्री सुरेश सोनी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मदन दास देवी हमेशा कार्यकर्ताओं से बातचीत करने पर और जो कुछ भी नहीं कह पा रहा हो उसे भी समझने पर जोर दिया करते थे। माननीय मदन दास जी कहते थे कि चिंतक हमारा व्यापक होना चाहिए किंतु कार्य स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर ही होना चाहिए। वह विरोधाभास के बीच भी समन्वय बनाकर चलते थे। जीवन में संतुलन बनाकर समाज में सभी के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए कार्य करना यह उनका प्रमुख गुण था। दुनिया में आए हैं तो जाना भी अनिवार्यता है जाने के बाद उनकी स्मृतियां शेष रह जाती है कुछ स्मृतियां पानी के ऊपर की लकीर की तरह होती है जो कुछ समय पर बैठी है और फिर विस्मृत हो जाती है परंतु कुछ स्मृतियाँ पत्थर की लकीर की तरह होती है जो सदैव अंकित रहती है।
संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को उनके बताए मार्ग पर निरंतर पुरुषार्थ के बलबूते चलते रहना है। वे कहते थे राष्ट्रहित सर्वोपरि है यही गुण उनके व्यक्तित्व से हम सभी को सीखना है, और प्रभु हम सबको उनके सद्गुणों से परिपूर्ण कर उनके मार्ग पर चलने में मदद करें।
डीआरआई के अध्यक्ष श्री वीरेंद्र पराक्रमादित्य ने कहा कि उनकी दृष्टि एवम सोच अत्यंत दूरदर्शी थी वह कुशल वक्ता, संगठनकर्ता, मार्गदर्शक के साथ-साथ विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। कार्यकर्ताओं के मनोभावों को शीघ्रता से समझ कर वह मार्ग निर्माण प्रशस्त करते थे वह संसाधनों की जगह साध्य पर विश्वास करते थे।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन डीआरआई के प्रधान सचिव श्री अतुल जैन ने किया।
राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने कहा कि मदन दास देवी के देहावसान से अपूर्णीय क्षति हुई है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। वह कार्यकर्ता की छोटी-छोटी बातों को सदैव ध्यान रखते थे, वह कहते थे राष्ट्रनिर्माण करने के लिए समाज में कार्य करने के लिए सभी का विश्वास अर्जित करना, स्वाभिमान के साथ कार्य करना साथ ही समाज निर्माण में मान अपमान का भाव ना रखना , सभी के साथ समभाव के साथ कार्य करना एवं अपनी विश्वसनीयता समाज में बनाए रखना ही सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इन गुणों को समावेशित कर हम स्वयं परिवार एवं समाज तथा राष्ट्र निर्माण में सफल हो सकते हैं। वे कार्यकर्ताओं में उत्प्रेरक का कार्य करते थे।
श्री गणेश सिंह सांसद सतना ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समाज के सभी लोगों को एक सूत्र में पिरोकर राष्ट्र निर्माण के कार्य के लिए प्रेरित करने का कार्य करते थे। वह महान व्यक्तित्व के धनी थे तथा कार्यकर्ताओं को सदैव सुलभता के साथ उपलब्ध रहकर उनकी समस्याओं का समाधान भी करते थे।
इस दौरान उत्तम बनर्जी, वीरेन्द्र चतुर्वेदी, डॉ वी के जैन, रामजी दास महाराज ने भी अपने अनुभव रखे।
*इनकी रही उपस्थिति*
श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिकारी श्री सुरेश सोनी, मध्यप्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर, राज्य मंत्री मध्यप्रदेश श्री रामखेलावन पटेल डीआरआई के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र पराक्रमादित्य सिंह, सह प्रांत संघचालक कानपुर श्री वीरेंद्र चतुर्वेदी, श्री गणेश सिंह सांसद सतना, महंत रामजी दास महाराज, सनकादिक जी महाराज, बलराम दास जी महाराज, सीता शरण जी, मदन गोपाल दास, दिव्यजीवन दास डॉक्टर राम नारायण त्रिपाठी, भैरों प्रसाद मिश्र पूर्व सांसद बाँदा, सांसद प्रतिनिधि शक्ति प्रताप सिंह तोमर चित्रकूट, श्री नरेंद्र गुप्ता चेयरमैन नगरपालिका चित्रकूट, श्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, चंद्रप्रकाश खरे जिला अध्यक्ष भाजपा चित्रकूट, पंकज अग्रवाल चेयरमैन कॉपरेटिव बांदा, श्री सुनील पांडे अध्यक्ष भोपाल विकास प्राधिकरण, जितेंद्र प्रताप सिंह एमएलसी महोबा हमीरपुर, मनोज प्रजापति विधायक महोबा, श्याम लाल द्विवेदी विधायक तथा बादशाह सिंह पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश शासन, राजकुमार सिंह पूर्व विधायक, सुरेंद्र सिंह गहरवार पूर्व विधायक, संजय सिंह जिलाध्यक्ष बांदा, एके सिंह कुलपति बांदा कृषि विश्वविद्यालय बांदा, प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडे कुलपति जगदगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, डॉ भरत मिश्रा कुलपति महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, समाज सेवी डॉ वीके जैन श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट, अभिमन्यु सिंह सर्वोदय सेवा संस्थान, सानू गुप्ता, बद्री प्रसाद त्रिपाठी, दिनेश तिवारी, पूर्व जिला अध्यक्ष रामेंद्र गौतम राम रतन प्रजापति, चंद्र कमल त्रिपाठी, विभाग संघचालक गोपाल दास जी पालीवाल, जिला संघचालक श्याम सुंदर जी, विभाग प्रचारक श्री मनोज जी, विभाग कार्यवाह संजय जी, जिला प्रचारक पुनीत जी, प्रचार प्रमुख संजय शुक्ल, जिला धर्म जागरण प्रमुख वरुणदास, जिला कार्यवाह चित्रकूट अतुल जी सहित सैकड़ो लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए
*शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन द्वारा भेजा गया शोक श्रद्धांजलि संदेश*
राष्ट्र सेवा में अपना संपूर्ण जीवन होम करने वाले श्री मदन दास जी के श्री चरणों में बारंबार नमन करता हूं। आज मन दुखी है संवेदनाओं से भरा हुआ है। बारिश और खराब मौसम के चलते श्री मदन दास जी के अस्थि कलश दर्शन एवं श्रद्धांजलि सभा में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सका इसके लिए सदैव मेरे मन में खेद रहेगा। श्री मदन दास जी का जाना मेरी व्यक्तिगत क्षति है एक मार्गदर्शक कहूं या पिता तुल्य दिशा बोध कराने वाले अग्रज उन्होंने सदैव मेरा मार्गदर्शन किया है। आज मैं जो कुछ भी हूं उसमें मदन दास जी का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहते हुए अनेक वर्षों तक असंख्य कार्यकर्ताओं को दिशा देने का कार्य किया है। मदन दास जी सरल सहज और अद्भुत शिल्पकार थे वह व्यक्तित्व निर्माण की पाठशाला थे। वह संगठन शिल्पी के रूप में हमेशा स्मृति में रहेंगे।
*श्री मदन दास देवी जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके परिवार के लिए भेजा गया शोक संदेश*
श्री मदन दास जी जी के निधन का समाचार सुनकर मन व्यथित है, इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं परिवार व शुभचिंतकों के साथ हैं। श्री मदन दास देवी जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक मजबूत स्तंभ थे। संघ के साथ अपनी दशकों की लंबी यात्रा में उन्होंने अनेक स्वयंसेवकों के जीवन को गढ़ा है। उनमें व्यक्ति के गुणों को पहचान कर उन्हें उबारने की अद्भुत कला थी। युवाओं के सामर्थ्य और शक्ति पर उन्हें अटूट विश्वास था और युवा शक्ति को संगठित करने और उनमें राष्ट्रवाद की ऊर्जा भरने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सेवा और संस्कार उनके लिए सर्वोपरि थे और अपने सानिध्य में आने वाले हर व्यक्ति में वह समाज सेवा की भावना जागृत करने का प्रयास किया करते थे। उनके आर्थिक चिंतन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का भाव समाहित था। उनके व्यक्तित्व में एक स्वाभाविक सहजता और सरलता थी। श्री मदन दास जी का निधन मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति भी है उनसे हर मुलाकात में काफी कुछ सीखने को मिलता था। उनकी स्मृतियां सदैव मेरे साथ बनी रहेंगी। आज सशरीर इस संसार में नहीं है पर उनके द्वारा दी गई शिक्षा व जीवन मूल्य सदैव लोगों को प्रेरित करते रहेंगे। उनके कार्य और संस्कार निरंतर स्वयंसेवकों का मार्ग प्रसस्त करते रहेंगे। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह शोक संतप्त परिवार और शुभचिंतकों को यह दुख सहन करने का धैर्य और साहस प्रदान करें।