महंगाई के मोर्चे पर चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) के नतीजों का ऐलान कर दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब हुआ कि रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है। रेपो रेट के आधार पर बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। रेपो रेट बढ़ने पर बैंकों को ब्याज दर बढ़ाने का मौका मिल जाता है। वहीं, रेपो रेट में कटौती पर बैंक ब्याज कटौती के दबाव में रहते हैं।
बता दें कि केंद्रीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला पिछले साल मई में शुरू किया था। हालांकि, इस साल फरवरी महीने के बाद से रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है। इसके बाद अप्रैल और जून की MPC बैठक में ब्याज दरों में किसी तरह के बदलाव नहीं किए गए।
मजबूत है इकोनॉमी: आरबीआई गवर्नर ने बताया कि ग्लोबल इकोनॉमी में तमाम चुनौतियों के बीच हम मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। शक्तिकांत दास के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था ने महंगाई के नियंत्रण की दिशा में शानदार प्रगति की है। हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। हम दुनिया के लिए आर्थिक वृद्धि का इंजन हैं।
शक्तिकांत दास ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति पर निगाह रखेगी। हम मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में लाने को प्रतिबद्ध हैं। वहीं, चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।