अंडरवर्ल्ड में दाऊद इब्राहिम और बबलू श्रीवास्तव का नाम किसी से नहीं छिपा है। एक वक्त था जब दोनों एक दूसरे के खासमखास थे, मगर देखते हुए देखते कुछ ऐसा हुआ जो दोनों जानीदुश्मन बन गए। कहा जाता है कि बबलू श्रीवास्तव के नाम से दाऊद इब्राहिम थरथर कांपता था। यहां तक कि वो भारत छोड़कर पाकिस्तान भाग गया। बबलू फिलहाल 25 सालों से उत्तर प्रदेश के बरेली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, अब उसकी रिहाई के दरवाजे खुलते दिख रहे हैं।
जरायम की दुनिया में बबलू श्रीवास्तव का अच्छा खासा नाम है। अब उसके अच्छे आचरण के आधार पर जेल प्रशासन ने सरकार से उसकी रिहाई की सिफारिश की है। दरअसल, पुणे में कस्टम विभाग के एक अधिकारी एलडी अरोड़ा की हत्या के मामले में करीब 25 साल पहले उसे मॉरीशस से गिरफ्तार किया गया था, तभी से वो बरेली जेल में बंद है। जेल के अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती कुछ दिनों तक बबलू के तेवर अपराधियों वाले थे, मगर 25 साल तक जेल में रहने के दौरान उसके व्यवहार में काफी बदलाव देखा गया है।
जेल में बबलू श्रीवास्तव ने लिखी तीन किताबें
उम्रकैद की सजा काट रहे बबलू श्रीवास्तव ने 25 सालों में दिन किताबें लिखी। ‘अधूरी ख्वाहिश’ नाम की पहली किताब साल 2004 में प्रकाशित हुई थी। वहीं ‘बढ़ते कदम’ नाम की दूसरी किताब साल 2018 में आई थी। उसकी तीसरी किताब जिसका नाम ‘क्रिमिनल’ है वो फिलहाल छपने के लिए गई है। जेल प्रशासन ने उसके अच्छे आचरण को देखते हुए उसे रिहा करना का फैसला किया और सरकार से सिफारिश की। बबलू ने इसी के आधार पर क्षमा याचिका भी लगाई थी। अगर सरकार से प्रशासन की सिफारिश को मंजूरी मिल जाती है, तो उसे जल्द ही रिहा किया जा सकता है।
पढ़ाकू बबलू श्रीवास्तव कैसे बना माफिया डॉन?
बबलू के पिता पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल थे, जो यूपी के गाजीपुर के रहने वाले वाले थे। बबलू के बड़े भाई सेना में कर्नल थे। बबलू की ख्वाहिश थी कि वो पढ़ लिखकर सबसे बड़ा वकील बने। पिता कि चाहत थी कि बबलू अपने भईया की तरह सेना में जाए। मगर बबलू ने अपनी जिद मनवा ली और लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंच गया। एलयू में चाकूबाजी कांड में बबलू को जेल जाना पड़ा, वो ये कहता रहा कि मैं निर्दोष हूं मगर सबूत उसके खिलाफ थे और उसे सजा काटनी पड़ी। जेल से बाहर आने के बाद ही बबलू ने अपना नया मुकाम बनाया और अपराध को गले लगा लिया।
जब दाऊद को ही गोली मारने की धमकी दे डाली
वक्त बीतता गया और बबलू श्रीवास्तव खूंखार होता गया। एक के बाद एक जुर्म की कहानी लिखते हुए वो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के संपर्क में आया। बबलू दाऊद का खास बन गया। देश के अलग-अलग राज्यों में बबलू के खिलाफ 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। मगर एक वक्त ऐसा आया कि दाऊद का खास उसी का दुश्मन बन गया। कहा जाता है कि जब मुंबई बम धमाकों की प्लानिंग हो रही थी, तो बबलू ने इसका विरोध कर दिया। डी कंपनी का ये शागिर्द बागी बन गया और उसने खुलेआम दाऊद को गोली मारने की धमकी दे डाली। दाऊद ने इस धमाके के बाद देश छोड़कर भागने का फैसला लिया। अब देखना होगा कि दाऊद का ये जानी दुश्मन जेल से रिहा होता है या नहीं।