नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को भारत में आपराधिक कानून में बदलाव के लिए केंद्र द्वारा संसद में लाए गए तीन विधेयकों पर विशेषज्ञों और आम जनता को शामिल करते हुए विचार-विमर्श का आह्वान किया है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने अपने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने 11 अगस्त को बिना किसी पूर्व सूचना के ही तीनों विधेयकों को पेश कर दिया।
विधेयक पर नहीं लिया गया विशेषज्ञों का राय
उन्होंने कहा कि सदन में विधेयक को लाने से पहले इस पर न तो पहले से कोई सूचना दी गई और न ही कानूनी विशेषज्ञों, न्यायविदों, अपराधविदों और अन्य हितधारकों से सुझाव लिए गए और देश के आपराधिक कानून तंत्र को गुप्त और अपारदर्शी तरीके से पुनर्गठित किया गया।
अमित शाह पर लगाया आरोप
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने आगे कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिल को पेश करते हुए इस पर अपनी टिप्पणी की थी, जिसको देखकर लगता है कि वह खुद पूरी प्रक्रिया से बाहर, अनभिज्ञ और अनभिज्ञ हैं। कांग्रेस नेता ने विधेयकों के माध्यम से किए गए परिवर्तनों पर शाह की टिप्पणियों का विरोध करते हुए झूठ बोलने और गुमराह करने का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री ने पेश किया है विधेयक
मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 पेश किया है, जो क्रमशः भारतीय दंड संहिता, 1860, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम, 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लेगा।