चित्रकूट नगर परिषद को करोड़ों का फंड फिर भी विकास में सबसे पीछे
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चित्रकूट के विकास के लिए हाल ही में 71 करोड़ स्वीकृत हुए हैं, इस राशि से चित्रकूट की तस्वीर बदलने की कवायद की जायेगी। लेकिन एक दर्जन से ज्यादा कार्य अधर में लटके हैं इनकी तरफ न तो अध्यक्ष का ध्यान जा रहा न ही सीएमओ का, सबसे बडी बात नगर परिषद के खजाने को भरने वाले गुप्त गोदावरी के लिए कोई नये प्रोजेक्ट नही है। गुफा में श्रद्धालु गर्मी से परेशान रहते उनके लिए कूलर तक की व्यवस्था नगर परिषद नही कर पा रही। गुप्त गोदावरी में सैकडों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करते चेंजिंग रूम तक नही, न ही यहां कोई धर्मशाला है। यही हाल आरोग्यधाम का है, परिक्रमा मार्ग में गंदगी रहती है। स्वच्छता में 2 सैकड़ा कर्मचारी है बावजूद सफाई का आभाव रहता है।
*कछुआ चाल में पूराने प्रोजेक्ट*
चित्रकूट में एक साल में लगभग 5 करोड़ के कार्यों का शिलान्यास और भूमि पूजन हुआ है, इनमें से ज्यादातर काम पूर्ण नही हुए कुछ निर्माण कार्य तो शुरू भी नही हुए हैं। सूत्रों की माने तो नगर परिषद में भर्रोशाही का आलम है। यहा की पर्सनल शर्तों के कारण निविदाकार परेशान होते हैं जो सेटिंग से चलते हैं उनके निर्माण कार्य गुणवत्ता विहिन रहते हैं।
चित्रकूट नगर के सौन्दर्यीकरण और विकास के 71 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गयी है।
इस राशी से विभिन्न स्थानों पर पोल एवं स्ट्रीट लाइट लगाने 3 करोड़ 96 लाख, तुलसी मार्ग में वन विभाग परिसर में चित्रकूट सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 2 करोड़ 10 लाख, चित्रकूट में विभिन्न स्थानों पर भूमिगत विद्युतीकरण के कार्य हेतु 10 करोड़ रूपये खनिज प्रतिष्ठान मद से प्राथमिकता क्षेत्र में स्वीकृत किये गये हैं। मोहकमगढ़ तिराहे से पीली कोठी तक आरसीसी रोड एवं नाली निर्माण के लिए 25 करोड़ और चित्रकूट नगरीय क्षेत्र में विभिन्न निर्माण कार्य एवं अन्य विकास कार्यों के लिए 30 करोड़ रूपये लागत के प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये हैं।