मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार अब शायद शिष्टाचार बन गया है।इसलिए बड़े भ्रष्टाचारियों को बकायदा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान सम्मानित किए जाने की परंपरा शुरु कर दी गई है।कुछ ऐसा मामला मझगंवा ग्राम पंचायत से सामने आया है।जहां वर्तमान समय में पदस्थ सचिव रावेंद्र पाण्डेय को बकायदा बीते 15 अगस्त को सतना जिला कलेक्टर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।जबकि सचिव रावेंद्र पाण्डेय के ऊपर ग्राम देवलहा में पदस्थाप
ना के दौरान 13 मजदूरों की मजदूरी हड़पने का आरोप है।गौर तलब है कि ग्राम पंचायत देवलहा में अपनी पदस्थापना के समय सचिव रावेंद्र पाण्डेय और रोजगार सहायक पप्पू यादव द्वारा 13 मनरेगा मजदूरों की मजदूरी का पैसा हड़प लिया गया था।जिसकी शिकायत तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य संजय आरख द्वारा की गई थी।शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिला पंचायत द्वारा सहायक जिला पंचायत अधिकारी अवधेश सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच करवाई गई थी।जांच रिपोर्ट में अवधेश सिंह द्वारा सचिव रावेंद्र पाण्डेय और रोजगार सहायक पप्पू यादव को दोषी ठहराया गया था।साथ ही प्रकरण को न्यायालय में भेज दिया गया था।बावजूद इसके दोनो कर्मचारियों द्वारा न्यायालय में भी उपस्थित होना जरूरी नहीं समझा गया।वही दोषी करार दिए गए सचिव रावेंद्र पाण्डेय को बकायदा स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान कलेक्टर द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान सम्मानित किया गया।इससे यह तो साफ साफ समझ में आ जाता है कि भाजपा के राज में भ्रष्टाचार अब कोई मुद्दा नहीं बचा है।बल्कि कौन कितना बड़ा भ्रष्टाचारी है।यह पता करके उसे सम्मानित किए की परंपरा का शुभारंभ जरुर कर दिया गया है।