गौ-पालकों की आय बढ़ाने, आत्मनिर्भर बनाने एवं स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति उनका रुझान बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना शुरू की है। शासन ने शुक्रवार को इसका शासनादेश जारी कर दिया।
शासनादेश के मुताबिक दूसरे प्रदेशों से साहिवाल, थारपारकर, गिर एंव संकर प्रजाति की गाय खरीदने पर परिवहन, ट्रांजिट बीमा एवं पशु बीमा समेत अन्य मदों पर खर्च होने वाली धनराशि पर सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी अधिकतम दो स्वदेशी नस्ल की गायों की खरीद पर मिलेगी, जो कुल व्यय धनराशि का 40 प्रतिशत यानी 80 हजार रुपये तक होगी। पहले चरण में योजना 18 मंडल मुख्यालय के जिलों में लागू होगी।
अपर मुख्य सचिव पशुपालन डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि योजना का उद्देश्य प्रदेश में स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की संख्या और नस्ल को बढ़ाना है, ताकि प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बना रहे। वहीं, दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी की ओर से लाभार्थी को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए एक अनुमति पत्र जारी किया जाएगा, ताकि परिवहन में समस्या न हो। वहीं इन गायों का 3 वर्ष का पशु बीमा और दूसरे प्रदेश से लाने के लिए ट्रांजिट बीमा कराना अनिवार्य है।
महिलाओं को मिलेगी तरजीह
योजना के तहत लाभार्थी को सब्सिडी गाय की खरीद, उसके परिवहन, पशु ट्रांजिट बीमा, 3 वर्षों का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन की खरीद एवं गायों के रखरखाव के लिए शेड के निर्माण पर दिया जाएगा। योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी के पास पर्याप्त जगह होनी चाहिये। साथ ही उनके पास पहले से 2 से अधिक स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय न हों। वहीं इस योजना के तहत 50 प्रतिशत महिला दुग्ध उत्पादकों एवं पशुपालकों को तरजीह दी जाएगी जबकि 50 प्रतिशत में अन्य वर्ग के लाभार्थी शामिल हैं।