कर्नाटक (Karnataka) के एक गांव में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. गांव वालों ने बारिश के देवता को प्रसन्न करने के लिए दो नाबालिग लड़कों की आपस में शादी करा दी. गांव वालों को बारिश न होने और रागी की फसल के खराब होने का डर था. गांव वालों के मुताबिक, बारिश के लिए देवता का खुश होना जरूरी है. अगर देवता खुश हो जाएंगे तो तो बारिश होने की संभावना है. इससे उनकी फसल खराब नहीं होगी.
पिछले तीन दिनों में चिक्कबल्लापुर जिले में नाबालिग लड़कों की शादी के दो मामले आए हैं. देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूर्णिमा के दिन गांव के लोगों ने दो नाबालिग लड़कों की आपस में शादी कराई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गांव वालों का दावा है कि जैसे ही हमने नाबालिग लड़कों की शादी कराई, इसके आधे घंटे से भी कम समय में गांव में बारिश हो गई. उनका कहना है कि बारिश न होने के कारण गांव के लोगों को मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा था और उनका दृढ़ विश्वास था कि अगर वे लड़कों की आपस में ‘शादी’ करा देंगे तो भारी बारिश होगी.
इसके लिए दो लड़कों को चुना गया. दोनों लड़के क्लास 5 वीं में पढ़ते हैं. एक अल्पसंख्यक समुदाय से है जिसे ‘दूल्हा’ बनाया गया. दूसरे लड़के को ‘दुल्हन’ बनाया गया जो दलित सुमदाय से है. शादी के लिए पूरे गांव के लोग इकट्ठा हुए और मंगलसूत्र बांधने समेत सभी रस्में पूरी की गईं. बाद में दूल्हे और दुल्हन की आरती उतारी गई और उन्हें उपहार दिए गए.