का जीवन बदलने का रास्ता खुल गया है।
मोदी सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण को इसकी कमान सौंपी तथा प्राधिकरण की मॉनिटरिंग का जिम्मा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को दिया । इसके लिए अप्रैल 2015 में एक स्वतंत्र कार्यबल भी गठित किया था। अब देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना के रूप में केन-बेतवा लिंक प्रारंभ हो रही है और बुंदेलखंड की जनता का भी सपना पूरा हो रहा है।
बुंदेलखंड की जीवन रेखा केन-बेतवा लिंक परियोजना अब यहां युगांतकारी परिवर्तन लाएगी। जल-संकट खत्म होने के साथ ही महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। उन्हें मीलों सिर पर पानी ढोने से निजात मिलेगी। पानी की उपलब्धता से स्वच्छता बढ़ेगी और उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। इस परियोजना से बुंदेलखंड में सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक स्तर ऊँचा होगा। नहरों का विकास होगा, पनबिजली से सस्ती बिजली मिलेगी तथा वनीकरण भी बढ़ेगा। आर्थिक समृद्धि आने से जीवन बदलेगा और बुंदेलखंड की सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति रुझान बढ़ेगा तो पर्यटन उद्योग भी निखरेगा। खाद्य सम्पन्नता और रोजगार के अवसर मिलेंगे तो पलायन पर विराम लगेगा।आज जिस बुंदेलखंड की पहचान अकाल और सूखा की है, वह बुंदेलखंड भविष्य में हरियाली से पहचाना जाएगा। जो बुंदेलखंड गरीबी से जाना जाता है,वह समृद्ध बुंदेलखंड बनेगा और भविष्य में अपने गौरवशाली अस्मिता के साथ सारी दुनिया को आकर्षित करेगा।