देवरिया हत्याकांड में सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार की बेरहमी से हत्या के मामले में पुलिस का एक्शन जारी है. अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हत्याकांड के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस बीच राजस्व विभाग की टीम भी मृतक प्रेमचंद यादव के घर पहुंची और उनके मकान की पैमाइश की, जिसके बाद इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रेमचंद के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई की जा सकती है.
बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर हो रही चर्चा के बीच प्रेमचंद यादव की पत्नी शीला यादव का भी बयान सामने आया है. शीला यादव ने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि मेरे पति की मौत कैसे हुई. शीला यादव ने कहा कि हम सिर्फ यही कहना चाहते हैं कि पहले इस बात की जांच हो कि हमारे पति की मौत कैसे हुई. जांच में जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई हो. इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से अपील की कि हमारे परिवार के लोगों को जेल में बंद कर दिया है, हम चाहते हैं कि उन्हें छोड़ दें ताकि वो अपने पति की अंतिम क्रिया क्रम कर सकें.
बुलडोजर की कार्रवाई पर बोलीं शीला यादव
इस बीच जब शीला यादव ने बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये घर हमारी सास के नाम पर है. आप चाहें तो कचहरी में जाकर पता कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि तहसील से कागज मंगवा लिए जाएं, जब तक सबूत नहीं मिलेगा तक तक हम अपने घर को गिरने नहीं देंगे. मेरे पति की भी हत्या हुई है. मेरे परिवार के दो लोगों को जेल में बंद कर दिया गया है, गांव के जो लोग वहां इकट्ठा हुए थे, उन्हें भी जेल में डाल दिया गया है.
वहीं दूसरी तरफ सत्य प्रकाश की बेटी शोभना का आरोप है कि प्रेमचंद यादव सालों से उनके परिवार को परेशान कर रहा था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर तो एक हजार से बार शिकायत की एप्लीकेशन दी गई थी कि आए दिन धमकी देने का परेशान करने का काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ. पापा ने सीजेएम कोर्ट में भी शिकायत की जिसकी चार अक्टूबर को तारीख भी दी गई थी. जमीन की रंजिश को लेकर कल मेरे परिवार को खत्म कर दिया. इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
जमीन विवाद में हुआ था खूनी संघर्ष
बता दें कि देवरिया जिले में रुद्रपुर इलाके में दो अक्टूबर की सुबह प्रेमचंद यादव की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिसका बदला लेने के लिए प्रेमचंद यादव के परिवार वालों ने सत्य प्रकाश दुबे के घर पर हमला कर दिया था. उन्होंने सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी, बेटी सलोनी, नंदनी और बेटे गांधी की हत्या कर दी, एक आठ साल का बेटा घायल हालत में अस्पताल में भर्ती है. दोनों परिवारों के बीच दस बीघा जमीन को लेकर विवाद था, जिसकी वजह से ये खूनी संघर्ष देखने को मिला.