मुंबई। मुंबई की एक सेशंस कोर्ट ने कलाकार चिंतन उपाध्याय को अपनी पत्नी हेमा उपाध्याय और उनके वकील हरेश भंभानी की हत्या की साजिश रचने का दोषी करार दिया है। वहीं, अन्य आरोपियों में विजय राजभर, प्रदीप राजभर और शिवकुमार राजभर को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
हेमा उपाध्याय और हरेश भंभानी की 11 दिसंबर, 2015 को हत्या कर दी गई थी। दोनों के शव एक कार्डबोर्ड बॉक्स में भरे हुए मुंबई के कांदिवली इलाके में एक खाई में पाए गए थे। उपनगरीय दिंडोशी की कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस वाई भोसले ने चिंतन उपाध्याय को अपनी पत्नी और उसके वकील को मारने के लिए उकसाने और साजिश रचने का दोषी ठहराया।
चिंतन उपाध्याय दोनों से नफरत करता था
हालांकि, कोर्ट में शनिवार को सजा पर चर्चा की जाएगी। अभियोजन पक्ष ने अपनी अंतिम दलील में तर्क दिया कि चिंतन उपाध्याय अपनी पत्नी और उसके वकील की हत्या की प्रमुख साजिशकर्ता थे। विशेष अभियोजक वैभव बागड़े ने आरोप लगाया कि चिंतन उपाध्याय दोनों से नफरत करता था। बागड़े ने कहा कि वह दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग करेंगे।
हत्याकांड को अंजाम देने वाला आरोपी फरार है
इसके अलावा इस हत्याकांड को अंजाम देने का आरोपी विद्याधर राजभर फरार हो गया है। घटना के तुरंत बाद चिंतन को पत्नी को रास्ते से हटाने की साजिश का पता चलते ही गिरफ्तार कर लिया गया था। चिंतन को सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने से पहले लगभग छह साल जेल में बिताए।
कोर्ट के सामने दिए अपने अंतिम बयान में चिंतन ने दावा किया था कि पुलिस दोहरे हत्याकांड को सुलझाने में असमर्थ रही और इसलिए उसके और हेमा के वैवाहिक विवाद का फायदा उठाकर उसे झूठे मामले में फंसाया गया।