चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने घोषणा की है कि पंजाब में न तो नहर बनेगी और न ही पानी बाहर जाने दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में शिअद की सरकार बनने के बाद राजस्थान को जाने वाले पानी को रोक दिया जाएगा। बादल राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले उनकी अगुवाई में एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को मांग पत्र सौंपते हुए कहा कि भगवंत मान के पद पर बने रहने के काबिल नहीं हैं।
पंजाब किसी को भी पानी नहीं देगा पानी
बादल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सरकार के समय एसवाईएल की जमीन को डी-नोटीफाइ कर दिया गया था और हरियाणा को उनके हिस्सा का 191 करोड़ रुपये का चौक भी सौंप दिया था। पंजाब के पास मात्र 25 फीसदी पानी रह गया है। इसलिए पंजाब किसी को भी पानी नहीं दे सकता है। उन्होंने घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट या मुख्यमंत्री भगवंत मान जो मर्जी फैसला कर लें पंजाब का पानी बाहर नहीं जाएगा। बादल ने कहा कि पहले कांग्रेस ने पंजाब के पानी पर डाका डाला।
आम आदमी पार्टी पंजाब के पानी को लूटना चाहती है- सुखबीर बादल
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी शुरूआत की अब आम आदमी पार्टी हरियाणा और राजस्थान में वोट पाने के लिए पंजाब के पानी को लूटना चाहती है। क्योंकि आप को पता हैं कि 2027 में पंजाबियों ने उन्हें वोट नहीं देना है। इसी लिए उनके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह तो नहर बनाना चाहते हैं लेकिन विपक्ष नहीं बनने दे रहा। बादल ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दावा किया करते थे कि वह माइनिंग से 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाएंगे।
20 करोड़ रुपये का राजस्व भी नहीं जुटा पाए
अभी तक वह 20 करोड़ रुपये का राजस्व भी नहीं जुटा पाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आज आप के विधायक हरेक जिले में अवैध माइनिंग करवा रहे है। जिसका जीता-जागता उदाहरण तरनतारन का केस है। संजय सिंह की गिरफ्तारी को लेकर आप द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को लेकर शिअद के प्रधान ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी बिल्कुल ठीक हुई है। क्योंकि संजय सिंह दिल्ली में हुए शराब घोटाले के एक अहम कड़ी थी लेकिन असली किंग-पिंग अरविंद केजरीवाल है।
ईडी को उन्हें भी गिरफ्तार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब का शराब घोटाला दिल्ली से भी बड़ा हैं। राज्यपाल से उन्होंने मांग की हैं कि पंजाब के शराब घोटाले की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए। क्योंकि दिल्ली की पालिसी को ही पंजाब में लागू किया गया था। इस मौके पर उनके साथ बिक्रम सिंह मजीठिया, डा. दलजीत सिंह चीमा, डा. सुखविंदर सुक्खी और अनिल जोशी मौजूद थे।