नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची में नामों के दोहराव सहित अन्य त्रुटियों को लेकर कोई सवाल खड़ा न हो, इसे लेकर चुनाव आयोग पहले से सतर्क है। आयोग ने इसे लेकर न सिर्फ सभी चुनावी राज्यों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं, बल्कि वह राजनीतिक दलों से भी सहयोग लेने को तैयार है।
चुनाव आयोग ने 11 लाख डुप्लीकेट नामों को हटाया
मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ियों से जुड़ी शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचे कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को आयोग ने यह प्रस्ताव दिया है। साथ ही बताया कि अब तक मध्य प्रदेश में मतदाता सूची से करीब 11 लाख डुप्लीकेट नामों को हटाया गया है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा की अगुआई में मतदाता सूची में गड़बडि़यों की शिकायत लेकर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल को आयोग ने आश्वस्त करते हुए कहा कि वह ऐसी गड़बडि़यों को लेकर सतर्क है और आगे बढ़कर काम कर रहा है।
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने बताया कि आयोग का इस मुद्दे पर रुख बेहद सकारात्मक रहा। साथ ही मतदाता सूची से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी को उनके संज्ञान में लाने को कहा है। उन्होंने कहा कि यह किसी एक राजनीतिक दल के लिए संभव नहीं है।
वोटर लिस्ट की त्रुटियों को आयोग ने संज्ञान में लिया था
आयोग ने प्रत्येक जिले में ऐसी गड़बड़ियों की जांच की व्यवस्था की भी बात कही है, ताकि प्रत्येक शिकायत के लिए दिल्ली न आना पड़े। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के सामने खंडवा में मतदाता सूची की गड़बड़ी को सामने रखा और बताया कि यहां वोटर लिस्ट में 28 हजार डुप्लीकेट नाम पाए गए हैं।
साथ ही 43 जिलों की अलग-अलग विधानसभाओं की गड़बड़ियों को भी आयोग के सामने रखा। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा था कि यह तो कुछ उदाहरण हैं, यदि जांच कराई जाए तो ऐसी गड़बड़ियां और भी पाई जा सकती हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस इससे पहले भी वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों को लेकर चुनाव आयोग के पास आ चुका है, जिसमें वोटर लिस्ट की त्रुटियों को आयोग के संज्ञान में लाया गया था।