कोलकाता। मनरेगा सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं का बकाया फंड जारी करने की मांग को लेकर बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं का गुरुवार देर शाम से यहां राजभवन के बाहर धरना जारी है। अभिषेक ने राजभवन मार्च के बाद शाम को ही घोषणा कर दी थी कि राज्यपाल जब तक कोलकाता नहीं लौटते हैं और तृणमूल प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं करते हैं, यह धरना जारी रहेगा।
राजभवन के दूसरे दिन भी जारी धरना
इससे पहले गुरुवार दोपहर में अभिषेक ने पार्टी सांसदों, विधायकों और राज्य सरकार के मंत्रियों सहित हजारों समर्थकों के साथ राजभवन तक पैदल मार्च निकाला था। हालांकि, राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस राजभवन में नहीं थे और वह बाढ़ प्रभावित उत्तर बंगाल के जिलों के दौरे पर थे। इसके बाद अभिषेक धरने पर बैठ गए।
इस दौरान तृणमूल महासचिव ने पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “हम राजभवन के बाहर अपना शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे। मैं यहां से तब तक एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा, जब तक राज्यपाल हमारे प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलते और केंद्रीय बकाए को लेकर हमारे सवालों का जवाब नहीं देते।”
सुवेंदु अधिकारी ने साधा निशाना
इसके बाद राजभवन के सामने धरना मंच पर ही अभिषेक समेत तृणमूल के कई सांसदों, मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं ने पूरी रात बिताई। आज सुबह से फिर वहां कार्यकर्ताओं व नेताओं का इकट्ठा होना शुरू हो गया और धरना जारी है। धरने के मद्देनजर राजभवन के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। दूसरी तरफ, राजभवन के बाहर धरने को लेकर बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने निशाना साधते हुए कहा कि तृणमूल सस्ती राजनीतिक नाटक के लिए राज्य के संवैधानिक प्रमुख की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है।
सुवेंदु ने पुलिस को भी आड़े हाथों लिया
इस धरना प्रदर्शन को लेकर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पुलिस को भी आड़े हाथों लिया और राजभवन के आसपास धारा 144 लागू होने के बावजूद तृणमूल नेताओं को धरने की सुविधा व सुरक्षा प्रदान करने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश में उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय पार्टी तृणमूल जानबूझकर बंगाल में लोकतंत्र को खत्म कर रही है।
टीएमसी पर सुवेंदु ने लगाए कई आरोप
सुवेंदु ने दावा किया कि इससे पहले तृणमूल ने अपने खिलाफ कोई निर्णय आने पर न्यायपालिका पर भी कब्जे की कोशिश की और माननीय न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। संबंधित न्यायाधीश के कक्षों को बलपूर्वक अवरुद्ध करने और वादकारियों को न्यायालय में प्रवेश से रोकने का भी आरोप लगाया।
सुवेंदु ने पिछले दिनों मध्य कोलकाता में दीवारों पर कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश की निंदा करने वाले पोस्टर लगाए जाने का भी जिक्र किया और कटाक्ष किया कि कोलकाता पुलिस जो अपराधों को सुलझाने में अपने को स्कॉटलैंड यार्ड की पुलिस से भी बेहतर समझती है, वह बदमाशों का सुराग जुटाने में विफल रही।
‘अभिषेक बंगाल को अपनी निजी जागीर समझते हैं’
सुवेंदु ने अभिषेक बनर्जी पर हमला बोलते हुए तंज कसा कि अब इस घटिया क्षेत्रीय पार्टी के एमडी (मैनेजिंग डायरेक्टर) सोचते हैं कि बंगाल उनकी निजी जागीर है और वह इस राज्य के जमींदार हैं। उन्होंने संवैधानिक प्राधिकरण (राजभवन) पर अपनी बुरी नजरें गड़ा दी हैं। सुवेंदु ने कहा कि राजभवन की सीमा से 150 मीटर तक धारा 144 लागू रहती है।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा, उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर न केवल उस क्षेत्र की परिधि में अपना मार्च निकालकर इसका उल्लंघन किया है, बल्कि अब उन्होंने वहां डेरा डाल दिया है। माननीय राज्यपाल जो राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं, उनकी सुरक्षा को सस्ते राजनीतिक नाटक के लिए खतरे में डाला जा रहा है।”