गुरुग्राम। इस साल सड़क हादसों में करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। अधिकतर मामले ऐसे भी होते हैं, जिनमें वाहन चालक हादसे के बाद मौके से फरार हो जाते हैं और उनका पता नहीं चल पाता।
इससे सड़क हादसे के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता। हिट एंड रन के ऐसे ही अनसुलझे मामलों को ट्रेस करने के लिए क्राइम ब्रांच की एक स्पेशल सेल इस पर काम करेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाएगी।
शहर की पुलिस व्यवस्था में किए गए कई बदलाव
डेढ़ महीने पहले गुरुग्राम पुलिस आयुक्त का पद संभालने वाले विकास अरोड़ा ने शहर की पुलिस व्यवस्था में कई बदलाव किए हैं। इसी के तहत उन्होंने क्राइम ब्रांच की एक स्पेशल सेल बनाई है। यह टीम ऐसे आरोपित वाहन चालकों की पहचान करेगी जो सड़क दुर्घटनाओं के बाद मौके से फरार हो जाते हैं।
सड़क हादसों के बाद अगर थाना पुलिस मामले की जांच में अक्षम होती है तो ऐसे केस स्पेशल सेल के हवाले कर दिए जाएंगे। टीम के सदस्य पहले सड़क हादसे के अनसुलझे मामलों को चिन्हित करेंगे और उन पर काम करेंगे।
इसके बाद टीम सड़क हादसे वाली जगह पर जाएगी और वहां मौजूद आसपास के सीसीटीवी कैमरे और लोगों से पूछताछ कर वाहन चालकों के बारे में जानकारी इकट्ठा करेगी। इसके बाद वाहन चालकों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
स्पेशल सेल की इस कार्रवाई से आगे आने वाले समय में हिट एंड रन के मामलों में भी कमी आने की संभावना है। खोजकर चालकों पर कार्रवाई होने से वाहन चालकों में भी डर बना रहेगा।
इससे पहले भी इस तरह का एक सेल बनाया गया था, लेकिन टीम के सदस्यों का ट्रांसफर होने पर सेल की कार्य क्षमता प्रभावित हो गई थी और सेल भंग हो गया था।
हिट एंड रन में इतने साल की है सजा
अपराध मामलों के अधिवक्ता पंकज यादव ने बताया कि हिट एंड रन के मामलों में छह महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके तहत लगने वाली धाराएं भी जमानती होती हैं।
पुलिस अपने स्तर पर ही आरोपित वाहन चालकों को जमानत देकर छोड़ सकती है। कोर्ट में आरोप सिद्ध होने पर आरोपित को सजा सकती है।